जम्मू-कश्मीर के सीएम मुफ़्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु दिल्ली के एम्स में बीते गुरुवार को हो गई थी। यह भारतीय राजनीति के अलावा जम्मू-कश्मीर की राजनीति में भी दुख के वाकये के साथ-साथ बड़ा परिवर्तन भी है। सीएम सईद की मृत्यु के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ़्ती को जम्मू-कश्मीर का सीएम बनाने का फैसला लिया गया। एक सामान्य मीटिंग के बाद जम्मू-कश्मीर की कैबिनेट के मंत्रियों ने महबूबा मुफ़्ती ही सीएम बनाने का फैसला लिया है।
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महबूबा मुफ़्ती पहले से ही जम्मू-कश्मीर की सियासत का हिस्सा रही हैं। इसीलिए वे वहां के हालात को अच्छे से समझती हैं। आज हम आपको महबूबा मुफ़्ती के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, ताकि जम्मू-कश्मीर की भावी सीएम के बारे में आप अच्छे से जानकारी पा सकें।
महबूबा मुफ़्ती का परिचय-
महबूबा मुफ़्ती जम्मू-कश्मीर के दिवंगत सीएम मुफ़्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं। इनका जन्म 22 मई 1959 को बिजबेहारा में हुआ था। वर्तमान में वे कश्मीर के अनंतनाग से सांसद हैं और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष हैं।
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शिक्षा और राजनीति-
शिक्षा की बात करें तो महबूबा मुफ़्ती ने कानून की पढ़ाई की है। बताया जाता है कि मुफ़्ती मोहम्मद सईद के मुख्यमंत्री बनने के सपने को पूरा कराने में महबूबा मुफ़्ती का बहुत बड़ा हाथ रहा है। अगर महबूबा मुफ़्ती के राजनीति में आने की बात करें तो 1996 में महबूबा ने कांग्रेस के टिकट पर अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की थी। यह वह समय था जब भारत सरकार ने पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की घोषणा की थी।
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संघर्षों का दौर-
महबूबा मुफ़्ती को अपने अब तक के राजनीतिक कैरियर में बहुत संघर्ष करना पड़ा है। यही कारण है कि वह आज जम्मू-कश्मीर की जानी-मानी नेता बन चुकी हैं। असल में देखा जाये तो कश्मीर जैसे रूढ़िवादी राज्य में किसी महिला का राजनीति में आना अपने आप में एक अलग पहचान दिलाने वाला है। इसी के साथ शुरू हुआ महबूबा का राजनीति के मंच पर संघर्ष का एक नया अध्याय। राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक महबूबा ने अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। महबूबा अब तक दक्षिण कश्मीर से एक बार भी चुनाव नहीं हारी हैं। यह स्थिति आवाम द्वारा उनको काफी पसंद किये जाने का ही प्रतीक कही जा सकती है।
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2014 में उन्होंने दक्षिण कश्मीर से फिर से लोकसभा में वापसी की। इसके बाद नवम्बर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों में महबूबा की पार्टी पीडीपी ने 28 सीटें जीतीं और दूसरी बार कश्मीर में अपनी सरकार का गठन किया। इस बार पीडीपी ने बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई है। सामाचार लिखे जाने तक महबूबा मुफ़्ती ने जम्मू-कश्मीर के सीएम पद की शपथ नहीं ली थी।