स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के तहत राजस्थान के जिला अजमेर की कलेक्टर डॉ. आरुषि ए मलिक देशभर के जिला कलेक्टर और डिप्टी कमिश्नर को प्रशिक्षण देंगी। केंद्र सरकार ने आरुषि को इसके लिए विशेषज्ञ बनाया है। आईआईपीए यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के जरिए 4 और 5 अप्रैल को सभी जिले के डिप्टी कमिश्नर और कलेक्टर के लिए कार्यशाला का आयोजन किया है।
इस वर्कशॉप में डॉ. मलिक बताएंगी कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत क्या काम करने चाहिए और किस तरह लोगों को समझाकर शौचालयों को बनवाना चाहिए। आपको बता दें कि सिर्फ और सिर्फ अजमेर जिले में इस साल 2 लाख 41 हजार शौचालयों को बनवाया गया था जो कि बड़ी उपलब्धि है। स्वच्छ भारत मिशन के दौरान अलग-अलग अधिकारियों को अलग-अलग काम सौंपे गए थे। सिर्फ इतना ही नहीं अधिकारियों को गांव में जाकर वहां की बैठक और शौचालयों की फोटो कलेक्टर साहिबा को व्हाट्सऐप भी करनी थी।
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जानें कैसे लोगों को रोका जाता था-
अजमेर जिले के कर्मचारी और अधिकारी सुबह पांच बजे उठ जाया करते थे और पानी का डिब्बा लेकर गांव वालों को जंगल की ओर जाने से रोकते थे। फिर उनकी फोटो लेते थे और उन्हें समझाया जाता था। इस बात की सफलता तब महसूस हुई जब पुष्कर के पास गनाहेड़ा गांव के पंचायत की कालबेलिया बस्ती में मदन नाथ कालबेलिया के सारे परिवारों को समझा कर शौचालयों का निर्माण करवाया गया।
जानिए कौन हैं डॉ. आरुषि-
अजमेर की कलेक्टर डॉ. आरुषि पहले भी सफाई अभियान को लेकर काफी सुर्खियों में रही हैं। वो खुद भी सड़क की सफाई करने में जुट जाती थीं। उनका मकसद था कि पुष्कर शहर को सबसे क्लीन सिटी बनाया जाए।