इस नदी के भीतर से हैं पाताल लोक तक पहुंचने के कई रास्ते

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पौराणिक कथाओं में हमने कई रहस्यों के बारे में जाना है, जिन्हें ना देख पाने के कारण लोग इन्हें काल्पनिक कथाओं से जोड़ देते हैं। पर कुछ बातें ऐसी हैं जिनके रहस्य हमें सत्य की ओर ले जाते हैं, उन्हीं में से एक है पताल लोक जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहें हैं, जिसकी खोज संभवतः हो चुकी है। जहां तक पहुंचना अब आसान माना जा रहा है।

पाताल लोक कोई कल्पनिक गाथा नहीं, बल्कि सच्चाई है। आज हम उस के बारे में बता रहें हैं जहां से पाताल लोक पहुंचने के रास्ते मिलते है, जो हमें पाताल लोक की ओर ले जाते है। वैसे तो नर्मदा नदी को पाताल लोक की नदी का नाम दिया जाता है, क्योंकि इस नदी के अंदर ऐसे कई रास्ते हैं, जो हमें पाताल लोक तक ले जा सकते है। इसके अलावा पाताल लोक तक पहुंचने के लिए ऐसे कई रास्ते समुद्र की गहरियों में भी देखे गए है।

हमारी धरती का 75 प्रतिशत भाग पानी से ही घिरा हुआ है और चारों ओर पानी होने के कारण पाताल लोक होने के बारे में कल्पना करना चुनौतीपूर्ण दावा है। लेकिन पौराणिक कथाओं में इसके बारे में बताया गया है कि पृथ्वी के नीचे सात लोक पाए जाते है, अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल।

पाताल लोक की यात्रा संभव
बताया जाता हैं कि जोधपुर में खोजी गई गुफाएं कुछ इस प्रकार से मिली है, जिसके दूसरे सिरे को आज तक कोई खोज नहीं पाया है। इसका अंत कहां पर है इस बारे में बताना बेहद ही मुश्किल है। इसके अलावा पिथौरागढ़ की गुफाओं में भी इस प्रकार के रहस्य छिपे हुए है, जिन्हें पाताल भुवनेश्वर गुफाओं के नाम से जाना जाता है। इस अंधेरी गुफा में देवी-देवताओं की मूर्तियों के अलावा एक ऐसा खंभा है, जिसका आकार लगातार बढ़ता जा रहा है। इस प्रकार से बंगाल की खाड़ी के आस-पास एक नागलोक के होने का रहस्य छिपा हुआ है। जहां पर सिर्फ नाग संप्रदाय ही रहता था और इस संप्रदाय का उल्लेख पुराणों में भी बताया गया है। जो आज भी धरती के अंदर मौजूद है।

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वैज्ञानिकों की खोजों द्वारा हुई पुष्टि
पाताल लोक का उल्लेख आज से कई हजार वर्ष पूर्व रामायण में किया गया है। जिसमें रावण के द्वारा सीता का अपहरण कर पाताल लोक ले जाया गया था और बाद में इस जगह की खोज करते हुए हनुमान जी भी पहुंचे थे। त्रेतायुग की पौराणिक कथाओं में जिस पाताल लोक का जिक्र किया गया है, वो आज इस धरती के नीचे मौजूद है या नहीं? यह प्रश्न सभी के मन में था, पर हाल ही में की गई एक खोज ने इस प्रश्न का जबाब भी ढूंढ निकाला है। मध्य अमेरिका महाद्वीप के होंडुरास में सियूदाद ब्लांका नाम का एक प्राचीन शहर जो गुमनामी के अंधेरों में डूबा था, इसकी खोज आधुनिक लाइडर तकनीक से की गई है। जहां पर उसी पाताल लोक के अवशेष पाए गये है जहां पर रावण का अंत हुआ था।

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