1400 सांपों को मौत से बचा चुका है यह युवक

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सांप एक इस प्रकार का जीव है जिसको देख कर प्रत्येक व्यक्ति डर जाता है और उसको किसी प्रकार से भी मारना चाहता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे युवक से मिलवा रहें हैं जो की सांपों को मारता नहीं बल्कि बचाता है। इस युवक का नाम है विवेकानंद और यह युवक झारखंड की राजधानी रांची में रहता है। यदि आसपास के गांव में कोई सांप निकल आता है तो लोग इस युवक को बुला लेते हैं, यह युवक अपने इस काम में काफी पारंगत हो गया है और प्रसिद्ध भी इसलिए अब लोग इस युवक को “स्नेक मैन” नाम से पुकारते हैं।

विवेकानंद नामक यह युवक मात्र 13 साल की उम्र से ही सांपों को पकड़ने लगा था। अब वह इस अपने इस कार्य में काफी माहिर हो गया है। इस युवक का कहना है कि अक्सर सांप को देखते ही लोग उसको मारने के लिए उतावले हो जाते हैं और किसी भी प्रकार से उसको मार देते हैं परंतु ऐसा करना नहीं चाहिए। हम लोगों को भी सांपों के साथ वैसी ही इंसानियत का उपयोग करना चाहिए जैसी हम दूसरों से चाहते हैं। विवेकानंद का कहना है कि जो लोग सांप को मारते नहीं हैं वो उनको जंगल में छोड़ देते हैं जहां से उन सांपो को खेल दिखाने वाले मदारी पकड़ लेते हैं और पैसे कमाते हैं।

vicky save snakes in JHARKHAND1Image Source:

जिस प्रकार से दूसरे जीवो को बचाने की मुहीम कई संस्थाएं चला रही हैं वैसे ही इस युवक ने सांपों को बचाने की मुहीम शुरू की है। अब तक यह युवक करीब 1400 सांपो को बचा चुका है। वर्तमान में यह युवक रांची यूनिवर्सिटी से जूलॉजी में एमएससी कर रहा है और इसने सांपों के संरक्षण के लिए एक संस्था का निर्माण भी किया है जिसका नाम है ” सरवाइवल ऑफ नेचर एंड कीपर ऑफ अर्थ”, विवेकानंद की इस संस्था का उद्देश्य सांपों की लोगों को पहचान कराना और उनको बचाना है। अब तक विवेकानंद को कई बार सांपों ने काटा है परन्तु वह इस बात की परवाह किये बिना अपने कार्य में लगा रहता है। विवेकानंद ने सांपों के जहर से ही एंटी वेनम का निर्माण किया है। जिसको वह सर्पदंश के शिकार लोगों को दवा के रूप में देता है। वर्तमान में विवेकानंद ने सरकार से सांपों का जहर निकालने के लिए लाइसेंस की मांग की है।

vicky save snakes in JHARKHAND2Image Source:
shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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