एक काली रात जब मां की अय्याशी की भेट चढ़े तीन मासूम बच्चे। उस हत्याकांड को याद कर हर किसी का दिल दहल उठेगा। एक ही घर से निकली 4 लाशों की गुत्थी सुलझने में भले ही साल भर लगा हो, पर पुलिस ने उस हत्यारे को सामने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और कर दिया उसे सलाखों के अंदर। पिछले साल जुलाई में गोरखपुर के सीआरपीएफ के हवलदार जवाहर कनौजिया के घर उनकी पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे समेत चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। यही नहीं कनौजिया की बड़ी बेटी के साथ बड़ी ही बेरहमी से आरोपी ने हत्या करने के बाद रेप भी किया था।
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जानें इस वारदात का पूरा सच-
गोरखपुर के शाहपुर इलाके में स्थित झरना टोला नामक जगह पर रहने वाले सीआरपीएफ के हवलदार जवाहर कनौजिया की पत्नी राजी (35), बड़ी बेटी पूनम (16), रूबी (12) और बेटे अनूप (10) के सिर पर प्रहार कर उनकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से पुलिस कुशीनगर निवासी ऑटो ड्राइवर अरुण कुमार दीक्षित की लगातार खोजबीन कर रही थी। कल 6 जून को पुलिस ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन से उसे धर दबोचा और पकड़े जाने के बाद उसने अपना जुर्म कुबूल करते हुए वारदात वाले दिन की पूरी घटना पुलिस को बताई।
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अरुण ने बताया कि वो अपने परिवार के साथ शाहपुर इलाके में एक किराए पर कमरा लेकर रहता था। जहां पर उसी मकान में हवलदार जवाहर कनौजिया का परिवार पति, पत्नी व अपने तीन बच्चों के साथ रहने आया था। उनके घर पर आने-जाने से उसके नजदीकी संबंध कनौजिया की पत्नी राजी से बन गये और दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा।
इसके बाद करीब 2 साल पहले हवलदार कनौजिया खुद का घर बनवा कर उसमें अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहने लगे, पर अरुण का वहां भी आना-जाना नहीं रुका। घटना वाली रात 9.30 बजे वह कनौजिया के घर राजी से मिलने पहुंचा और राजी ने अपने बच्चों से कुछ झूठ बोल उसे उस रात अपने घर पर रोक लिया।
राजी की धमकी पर अरुण ने की हत्या-
अचानक रात करीब तीन बजे अरुण और राजी के बीच पैसे को लेकर कहासुनी हो गई, जिस पर राजी ने अरुण को रेप के केस में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दे डाली। फिर क्या था इस बात से गुस्साए अरुण ने पास में ही रखी हथौड़ी से राजी का सिर फोड़ दिया, जिससे उसकी तुरंत ही मौत हो गई। चीखने चिल्लाने की आवाज सुन सो रहे बच्चे भी जाग गये। अनूप और रूबी को जागा देख अरुण ने उन मासूमों पर भी हथौड़ी से प्रहार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
राजी की बेटी से मरते दम तक किया था रेप-
तीनों की हत्या करने के बाद चौथी बची राजी की बेटी पूनम जो कि छत पर सो रही थी, आवाज सुनकर वो भी छत से नीचे आ गई। हैवानियत के नशे में चूर अरुण ने उसे भी नहीं छोड़ा और उसके सिर पर सीधा वार कर दिया। इसके बाद भी इस हैवान ने उस तड़पती लड़की को नहीं बख्शा और उसके साथ तब तक रेप करता रहा जब तक कि वो मर नहीं गई। लड़की के मर जाने के बाद उसके शरीर से गहने उतारकर वो वहां से फरार हो गया।
लौटने पर पुलिस ने पकड़ा-
जांच पड़ताल करने में लगी पुलिस के शक की सुई दो महीने बाद अरुण पर अटकी। जांच पड़ताल के दौरान ही यह भी पता चला कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मृतक राजी के एटीएम कार्ड से लगभग तीन बार में 45 हजार रुपए निकाले थे और अयोध्या में जाकर जानकी दास मठ में रहने लगा। करीब 10 महीने के बाद वह सोमवार को गोरखपुर की ओर रवाना हुआ जहां स्टेशन पर पहुंचते ही पुलिस के हाथों पकड़ लिया गया। आरोपी को धारा 302/201 के तहत कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
टीम को मिला पुरस्कार-
जांच में लगी क्राइम ब्रांच की इस टीम के बेहतरीन कार्य और सफलता की सराहना करते हुये विभाग की ओर से 50 हजार का ईनाम भी दिया गया है।