क्या कभी आपने ऐसी घटना सुनी है जिसमें मरा हुआ व्यक्ति खुद ही जीवित हो गया हो? यदि नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसी ही घटना यहां बता रहें हैं। आपको बता दें कि हाल ही में घटी यह घटना मध्य प्रदेश के झाबुआ की है। इस घटना को लेकर लोगों को बहुत ज्यादा हैरानी हैं। लोग अब तक यह नहीं समझ रहें हैं कि जब डॉक्टर ने खुद ही व्यक्ति को मृतक घोषित कर दिया था, तब आखिर कैसे वह अंतिम समय में जीवित हो उठा। आइए अब आपको विस्तार से बताते हैं इस बारे में…
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सबसे पहल हम आपको बता दें कि यह घटना मध्य प्रदेश एक झाबुआ के देदला नामक गांव की है। इस गांव का निवासी 27 वर्षीय सूरज सड़क हादसे का शिकार होकर गंभीर घायल हो गया था। घायल होने के बाद में सूरज को उसके परिजनों ने पेटलावद सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया था, पर वहां से सूरज को किसी अन्य अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। इसके बाद सूरज के परिजन उसको लेकर बड़ौदा के एक निजी अस्पताल में गए, जहां सूरज को 3 दिन के बाद में मृतक घोषित कर दिया गया था। अब सूरज के परिजन उसके शव को घर ले आए तथा अंतिम संस्कार में लग गए। बताया जाता है कि जब सूरज को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तब अचानक उसकी सांसे फिर से चलने लगी। यह देखकर सूरज के परिजन बहुत खुश हुए और उसको जल्दी ही पेटलावद के चोयल अस्पताल में दाखिल करा दिया। यहां सूरज दो दिन लगातार जीवित अवस्था में रहा और दो दिन बाद में उसकी मौत हो गई। इस प्रकार से मृतक को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने वाले लोग हैरान हो गए थे कि मृत सूरज जीवित कैसे हो उठा? खैर, 2 दिन के बाद में सूरज की मृत्यु हो गई और उसके बाद में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।