वर्षा की कमी और पृथ्वी के अंसतुलन का असर अब देश के कई राज्यों में देखा जा रहा है। वर्षा ना होने से चारों ओर सूखे की आपदा से परेशान लोग पानी की एक बूंद के लिये त्राही त्राही कर चीख रहे है। अभी हाल ही में महाराष्ट्र में पड़े सूखे की स्थिति ने लोगों को हिला कर रख दिया था वहीं अब म.प्र. के लोग भी एक बूंद पानी के लिये तरस रहे हैं। जिससे किसानों की हालत ऐसी हो गई है कि वे लोग अपने धन जन दोनों से ही हाथ धो बैठे हैं कई लोग तो अपनी आर्थिक तंगी से परेशान होकर मौत को गले लगाने पर मजबूर है। पर वहां की सरकार के कानों पर कोई जूं तक नही रेंग रही है।
म.प्र. के कई शहरों में पानी की एक बूंद के लिए लोग परेशान हो रहे हैं और अपनी प्यास बुझाने के लिये लोग कई मील दूर जाकर दिन रात दौड़ रहे है। उसके बाद भी उन्हें दूर तक पानी नही मिल रहा है। क्योंकि तालाब और कुंए सूखते नजर आ रहे हैं और इन्हीं हालतो से तंग आकर वहां के लोगों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया और पानी की मांग की और एक तख्ती पर कुछ इस प्रकार लिख कर अपने मन की बात जाहिर की । कागजों से बनी इस तख्ती पर लिखा था, आटा गूंथने को पानी दो, सब्जी में डालने को पानी दो। बच्चे प्यासे हैं, पानी दो।
वहां के हालात इतने बिगड़ चुके है कि उनको एक दिन में एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। प्यासे व्याकुल लोगों की चीख को सुनकर भी सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। वहां की नगर पालिका के द्वारा वार्ड में टैंकर नहीं भेजे जा रहे है। और जो भेजे जा रहे है वह काफी कम मात्रा में हैं।
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नहीं सुनते पार्षद और नपा
पानी की बढ़ती समस्या को देख लोग वहां के पार्षद और मौजूदा अधिकारियों से गुहार लगाई गई लेकिन उनकी बात को ये लोग अनदेखा कर अपनी मौज में लीन हो चुके है।