आपने लैला मजनू की प्रेम कहानी तो सुनी ही होगी। लैला और मजनू भले ही अब इस दुनिया में ना हों, लेकिन इनकी यह गाथा आज भी अमर है। ऐसा कहा जाता है कि दोनों का कहीं ना कहीं भारत से नाता था। ऐसा कहा जाता है कि दोनों ने अपनी जिंदगी के आखिरी पल पाकिस्तान बॉर्डर से दो किलोमीटर आगे राजस्थान की जमीन पर गुजारे थे। इनके प्यार पर आधारित एक मजार भी बनाई गई है, जो कि काफी प्रसिद्ध है।
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लैला मजनू का यह मेला उनकी मजार पर हर साल जून में लगता है। इस मेले में भारत और पाकिस्तान के कई प्रेमी जोड़े या नवविवाहित जोड़े आते हैं और एक दूसरे के साथ की कामना करते हैं। इस मेले की खास बात यह है कि यहां सिर्फ हिंदू या मुसलमान ही नहीं, बल्कि सिख, इसाई भी दूर-दूर से आते हैं।
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बता दें कि इस मेले में भारतीय सेना भी काफी सहयोग देती है। भारत पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ ने इसे मजनू पोस्ट का नाम दिया है। कारगिल युद्ध से पहले यह मजार पाकिस्तान के लोगों के लिए खुली थी, लेकिन आतंकी वारदातों से बचने के लिए इसे बंद कर दिया गया है।