हम सभी जन्म से पौराणिक कथाओं में रामायण से लेकर महाभारत के सभी पात्रों के बारे में सुनते आ रहें है। उनसे जुड़े कुछ पात्र तो ऐसे है जो आज भी अजर और अमर है, पर क्या कलियुग में भी इनके होने के बारे में आप जानते है। आज हम आपको बता रहें हैं, इन्हीं से जुड़े भगवान परशुराम के बारे में जिनका वर्णन आपने सतयुग की पौराणिक कथा रामायण में सुना होगा, इनके बारे में कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। बताया जाता है महेंद्रगिरि नाम का पर्वत इनके आज भी जीवित होने का जीता जागता उदाहरण है। इस पर्वत के बारे में कहा जाता है कि भगवान परशुराम आज भी इस जगह में मौजूद हैं। जहां पर वो कई हजार वर्षों से तपस्या कर रहें हैं।
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उड़ीसा के गजपति जिले में स्थित महेंद्रगिरि पर्वत की चोटी ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें रामायण, महाभारत के साथ कई पौराणिक कथाओं के रहस्य छिपे हुए है। यह वही जगह है जहां पर आज भी भगवान परशुराम के होने का एहसास लोगों को होता है। ये तो सभी जानते ही है कि धर्म ग्रथों के अनुसार हनुमान, अश्वत्थामा, परशुराम और विभीषण को भी चिंरजीवी बताया गया है। इस पर्वत में परशुराम आज भी अपनी तपस्या करने लीन है। लोगों नें उनके होने का अभास समय-समय पर किया है। इस पर्वत पर महाभारत काल के ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जिसे पांडवों के द्वारा बनवाए गए थे। यहां पर दारु ब्रह्मा के मंदिर के अलावा कुंती, युधिष्ठिर, भीम के मंदिर भी देखने को मिलते हैं।