पुराणों और शास्त्रों में आठ लोगों को चिंरजीवी होने का वरदान मिला था। दुनिया का अंत होने तक यह आठों इसी पृथ्वी पर रहेंगे। इनमें से एक हैं राम भक्त हनुमान। कहा जाता है कि कलियुग में किसी भी बिगड़े काम को आसानी से बना सकते हैं राम भक्त हनुमान। राम और सीता ने हनुमान को वरदान दिया था कि तुम अमर हो जाओगे। इसी कारण कहा जाता है कि आज भी हनुमान धरती पर विराजमान हैं। हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार आज भी राम भक्त हनुमान कैलाश पर्वत की उत्तर की पहाड़ियों पर निवास करते हैं।
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आज भी हनुमान पृथ्वी पर विराजमान हैं। भगवान हनुमान को सीता और राम ने अमर होने का वरदान दिया था। हनुमान की पूजा करने मात्र से ही लोगों की मुश्किलें आसान हो जाती हैं। आपको बता दें कि हिन्दू शास्त्र और पुराण बताते है कि हनुमान आज भी कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। वह गंधमादन पर्वत पर रहते हैं। एक पौराणिक कथा में भी इस बात का जिक्र मिलता है। इस कथा में बताया गया है कि एक बार पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान हिमवंत पार करके गंधमादन पर्वत के पास पहुंचे। जिस दौरान भीम एक सहस्त्र दल कमल लेने के लिए गंधमादन पर्वत पर गए। जहां भीम ने हनुमान को लेटा देख उनसे अपनी पूंछ हटाने को कहा। इस पर हनुमान ने कहा कि तुम ही इसे हटा लो। इस पर भीम ने अपना पूरा बल लगा दिया और फिर भी उनकी पूंछ को हिला न पाए। इससे भीम का घमंड दूर हो गया।
यही गंधमादन पर्वत कैलाश पर्वत के उत्तर दिशा में स्थित है। इसी पर्वत में कई वर्षों पहले महर्षि कश्यप ने तपस्या की थी। इस जगह पर अप्सराओं, गंधर्व, किन्नरों और सिद्ध ऋषियों का निवास भी है। पर्वत के शिखर पर पहुंचना बेहद ही मुश्किल है।
यहां पर स्थित है गंधमादन पर्वत-
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कहा जाता है कि यह क्षेत्र कुबेर के राज्य में था। हिमालय पर्वत के उत्तर में यह पर्वत है। आज यह तिब्बत के इलाके में स्थित है। इस पर्वत के नाम का एक और पर्वत रामेश्वरम के पास भी है। रामेश्वरम के पास इसी जगह से हनुमान ने समुद्र को पार करने के लिए छलांग लगाई थी।
यहां पर बना है राम का मंदिर-
रामेश्वरम में इस पर्वत पर बैठकर भगवान राम वानर सेना के साथ युद्ध की योजना तैयार करते थे। इस पर्वत पर भगवान के पैरों के निशान भी मौजूद हैं।