अधंविश्वासः गुड लक के लिए दी गई 3 लाख जानवरों की बलि

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नेपाल को बीते दिनों कई बड़ी-बड़ी प्राकृतिक आपदा से जूझते हुये देखा गया है। कई बड़ी प्राकृतिक आपदा का शिकार बना नेपाल अपने जख्मों को शायद कभी भी नहीं भर पायेगा। बीते दिनों आए 7.9 की तीव्रता के भूकंप ने नेपाल की धरती को हिलाकर 5000 से अधिक लोगों को मौत के मुंह में डाल दिया था, जबकि 10 हजार से ज्यादा लोग लापता बताये गये।

ne-1_2015_4_29_182916Image Source :http://images.jagran.com/

इस प्राकृतिक आपदा के कई कारण अब देखने को मिल रहे हैं। वहीं कुछ लोग इन सब को अंधविश्वास से भी जोड़ कर देख रहे हैं और अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिये लाखों बेजुबान पशुओं की निर्मम हत्या करने से भी पीछे नहीं हट रहे। जिसकी तस्वीरों को आप देखेंगे तो आपकी आत्मा भी दहल उठेगी।

ne-4_2015_4_29_183049Image Source :http://images.jagran.com/

बताया जाता है कि हर 5 साल में नेपाल के मंदिर में काफी बड़ा मेला लगता है जिसमें शक्ति की देवी गढ़ीमाई की पूजा करने के लिये 40 लाख से भी ज्यादा लोग सम्मिलित होने के लिये आते है। माता को खुश करने के लिये व अपने गुड लक के लिये इस मेले में लाखों की संख्या में भैंस, पक्षियों और बकरियों की बली दी जाती है। एक-एक करके बेजुबान जानवरों और पक्षियों की निर्मम हत्या कर देवी को खुश करने के लिये इनका प्रसाद चढ़ाया जाता है। बाद में बचे प्रसाद को ये लोग खुद पकाकर खा जाते हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां का पुजारी क्षत्रिय ही होता है। बीते दिनों यहां गुड लक के लिए 3 लाख जानवरों की बलि दी गई थी।

इस मंदिर की अंधविश्वास से जुड़ी इस प्रथा का विरोध करने के लिये कुछ लोग उतरे भी और प्रशासन से इस मेले के खिलाफ शिकायत दर्ज की तो प्रशासन भी कुछ करने से पीछे हट गया और आस्था से जुड़ी बातों पर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। बता दें कि यह मेला दो दिनों तक लगता है जिसमें यहां के भक्त भी दो दिन तक इस मेले का पूरा आनंद लेते हैं।

2392AB2F00000578-2852739-image-36_1417193774937Image Source :http://i.dailymail.co.uk/

वहीं, बीते दिनों यहां आई प्राकृतिक आपदा का कारण भले ही कुछ भी हो पर प्राकृति को यदि बार बार कुरेदा जायेगा तो एक बार उसका नुकसान तो सभी को भुगतना होगा ही। जिस तरह से आज हमारा पूरा देश कई प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो रहा है जिसमें कहीं सूखा, तो कही भूकंप तो कही बाढ़ का प्रकोप यह सभी प्रकृति के लगातार हो रहे दोहन के कारण है।

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