आपने हवाई जहाज तो देखें ही होंगें, पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये सभी हवाई जहाज सिर्फ सफेद कलर के ही क्यों होते हैं। यह प्रश्न बहुत से लोगों के मन में उठता है और उनको परेशान करता है। आपके मन में भी ये प्रश्न जरूर उठा ही होगा, पर क्या आपको कभी इसका उत्तर मिला। आपको बता दें कि इसका उत्तर बहुत कम लोगों के पास है इसलिए आज हम आपको इस प्रश्न का उत्तर अपने इस आलेख के जरिये दे रहें हैं। बहुत से यात्री जो पहली बार प्लेन में यात्रा करते हैं वे काफी घबरा जाते हैं, पर अपने चारों और सफेद रंग देख कर वे समझते हैं कि सफेद कलर शांति का प्रतीक होता है और यह हम जैसे घबराये लोगों को कहीं न कहीं शांति पहुंचाता है इसलिए ही हवाई जहाज को सफेद रंग किया जाता है। मगर वास्तव में ऐसा है नहीं। आइये आपको विस्तार से बताते हैं इसके बारे में।
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1 – बच जाती है दुर्घटना
किसी भी प्लेन को उड़ान भरने से पहले अच्छी तरह से चैक किया जाता है ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो सके। यदि प्लेन की बॉडी में किसी वजह से दरार आ चुकी होती हैं तो सफेद रंग होने की वजह से वे जल्दी ही नजर में आ जाती है। यह एक बड़ा कारण है जो हवाई जहाज को सफेद कलर के होने की वजह को दर्शाता है।
2 – तापमान को करता है संतुलित
यदि हवाई जहाज उड़ान के दौरान अधिक तापमान में होता है तो सफेद रंग धूप को रिफ्लेक्ट कर देता है। इस कारण अंदर का तापमान बढ़ता नहीं है बल्कि संतुलित रहता है।
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3 – पैसे की बचत
प्लेन का कलर सफेद होने से एयरलाइन्स कंपनी का पैसा भी बचता है। असल में यदि ऐरोप्लेन को कलर कराया भी जाए तो लाखों का खर्च आएगा और इसके बाद में 2 से 3 हफ्ते का समय कलर को सूखने में भी लगेगा। इतना समय यदि काम रुका तो कंपनी का भी घाटा होगा। इस प्रकार सफेद रंग से कंपनी को आर्थिक लाभ भी होता है।