बहुत से धर्मों में पुनर्जन्म को मान्यता मिली हुई है। इस कारण माता-पिता और पुत्र के रिश्ते को पिछले जन्मों के संबंध का आधार माना जाता है। आज आपको हम इसी आधार पर यह बता रहें हैं कि हमारी संतान के रूप में हमारे घर में कौन सी आत्माएं जन्म लेती हैं। इस संबंध में यह बताया गया है कि हमारी संतान के रूप में हमारे अपने ही पूर्व संबंधी जन्म लेते हैं। संबंधी यानि वे आत्माएं जिनके साथ हमारा पूर्व में कोई न कोई संबंध रहा हो। प्राचीन शास्त्रों में इस प्रकार के सम्बन्धियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। आइये हम आपको विस्तार से बताते हैं इन चार सम्बन्धियों के बारे में।
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1 – ऋणानुबन्ध संबंधी – यह ऐसे व्यक्ति होते है। जिससे आपने पूर्वजन्म में कोई ऋण यानि उधार लिया हो। मान्यता है कि इस प्रकार की आत्मा जब घर में जन्म लेती हैं। तब वह बीमारी अथवा फिजूल खर्चों में आपके धन को उस समय तक खत्म करती रहती है जब तक उसका उधार नहीं चुक जाता है।
2 – शत्रु संबंधी – यह इस प्रकार के व्यक्ति की आत्मा होती है। जिससे आपकी पूर्व में कोई शत्रुता रही होती है। इस प्रकार की आत्मा जब घर में संतान रूप में जन्म लेती है, तो वह माता-पिता से शत्रुवत व्यवहार करती है तथा मार पीट या झगड़ा करती है।
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3 – उदासीन संबंधी – उदासीन संबंधी की आत्मा जब आपके यहां पुत्र रूप में जन्म लेती है। तब वह अपने माता-पिता की ओर से उदासीन रहती है। ऐसी संतान माता-पिता से प्रेम नहीं करती है बल्कि उनके हाल पर ही मरने के लिए छोड़ देती है। बाद में ऐसी संतान माता-पिता से अलग हो जाती हैं।
4 – सेवक संबंधी- यदि आपने पूर्वजन्म में किसी की सेवा की हुई होती है। तब अपना ऋण उतारने के लिए आपके यहां पुत्र अथवा पुत्री के रूप में जन्म लेता है। वह अपने माता-पिता की खूब सेवा करता है।
इस प्रकार से सभी लोग अपने किये कर्मों के आधार पर ही अपने जीवन में सतान की ओर से सुख अथवा दुःख भोगते हैं। यही कारण है कि सभी धर्मों में सदैव अच्छे कार्य करने तथा दूसरों की मदद करने के लिए विशेष रूप से कहा गया है।