यह थी “भारत की एक करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म”, जानें इसकी कहानी

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भारतीय सिनेमा में आज तक काफी फिल्में बनी है, पर बहुत सी फिल्में ऐसी हैं जिनके बारे में आज लोग नहीं जानते हैं, इसलिए आज हम आपको भारतीय सिनेमा की कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में जानकारी दने जा रहें हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आपको हम बता दें कि भारत की पहली फिल्म 1913 में बनी थी जिसका नाम “राजा हरिशचन्द्र” था और इसके बाद काफी फिल्म आई जिन्होंने भारतीय सिनेमा को नया आयाम दिया। इसी क्रम में आज हम आपको बता रहें हैं भारत की पहली ऐसी फिल्म के बारे में जिसने सबसे पहले 1 करोड़ रूपए कमाए थे, आइए जानते हैं इस फिल्म और इससे जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में।

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भारत की पहली ऐसी फिल्म जिसने एक करोड़ रूपए कमाए थे उसका नाम है “किस्मत”, इस फिल्म में अभिनेता अशोक कुमार तथा मुमताज शांति लीड रोल में थे। यह फिल्म वर्ष 1943 में आई थी। आपको हम यह बता दें कि यह फिल्म उस समय की सबसे मशहूर फिल्म बन गई थी, जिसके कारण कोलकाता के “रॉक्सी” नामक सिनेमा हॉल में यह फिल्म लगातार 186 हफ्तों तक चलती रही थी। किस्मत नाम की यह पहली फिल्म थी जिसने एक करोड़ रूपए कमाए थे। इस फिल्म का रिकॉर्ड अभिनेता अमिताभ बच्चन की फिल्म “शोले” ने अधिक समय तक सिनेमा हॉल पर लगी रह कर तोड़ा था। इस फिल्म के बारे में लेखक और फिल्म इतिहासकार अमृत गंगर का कहना है कि “यह फिल्म इसलिए उस समय सफल हुई थी, क्योंकि उस समय ज्यादातर लोग “भारत छोड़ों आंदोलन” जैसे आंदोलन में भाग लिए हुए थे और इस फिल्म में भी भारतीयता तथा राष्ट्रभक्ति की भावना दिखाई गई थी। इस प्रकार उस समय के मानव के विचार फिल्म से मिलने के कारण अधिक लोगों ने इस फिल्म को देखा था।”, आपको हम यह भी बता दें कि इस फिल्म के अलावा कई ऐसी फिल्में भी हैं जिनके बारे लोग नहीं जानते हैं, तो हम यहां आपकी जानकारी के बढ़ने के उद्देश्य से आपको कुछ ऐसी ही भारतीय सिनेमा की फिल्मों के बारे में जानकारी दे रहें हैं, तो सबसे पहले हम आपको यह बता दें कि भारतीय सिनेमा में डबल रोल वाली सबसे पहली फिल्म का नाम “लंका दहन” है तथा “आलम आरा” भारतीय सिनेमा की पहली “बोलती फिल्म” है। इसी प्रकार से “किसान कन्या” को पहली स्वदेशी “कलर फिल्म” माना जाता है। ‘धूप छाँव’ नाम की यह पहली भारतीय फिल्म थी जिसमें गाना गाया था। ‘भक्त विदुर’ नाम की इस फिल्म पर सबसे पहले बैन लगा था और यह फिल्म 1921 के समय में आई थी। इस प्रकार से भारतीय सिनेमा में ऐसी बहुत सी फिल्मे हैं, जिनके पीछे की कहानी काफी रोचक है, इनमें से कुछ के बारे में यहां हमने आपको जानकारी प्रदान की है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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