ये व्यक्ति अब बन चुका है बकरी, जानिए कैसे

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इंसान का जीवन इस पृथ्वी पर सबसे सुखद और आलीशान माना जाता है क्योंकि यहां मानव जीवन में आप वह सब कुछ पा सकते हैं जो अन्य कोई भी नहीं पा सकता है परन्तु फिर भी बहुत से लोग अपने जीवन से परेशान नजर आते हैं। क्या कभी आपने ऐसा कोई इंसान देखा है जो अपने जीवन से इस कदर परेशान हो गया हो की मानव जीवन को छोड़ कर वह बकरी बन गया हो ? यदि नहीं तो कोई बात नहीं आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स से मिलवा रहें हैं जो अपने असल मानव जीवन को छोड़ कर बकरी बन गया है।

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ब्रिटेन का रहने वाले इस व्यक्ति का नाम “थॉमस थवैट्स” है। अपने एक इंटरव्यू में इसने बताया कि उसको 2014 में ऐसा लगा की वह बकरी बन सकता है। थॉमस ने अपने इंटरव्यू में आगे कहता है कि “मैं फ्रीलान्स काम करता हूं, नौकरी रेगुलर नहीं है। मैं अपने एक दोस्त के कुत्ते की देखभाल कर रहा था।उसका नाम नोगिन था। तभी मुझे ऐसा विचार आया कि मैं अपनी ज़िन्दगी के साथ क्या कर रहा हूं? मुझे नोगिन की जिन्दगी बहुत अच्छी लगने लगी। तब मैंने भी सोचा कि मुझे अपनी जिंदगी को दूसरों के नजरिए से देखना चाहिए।” तब एक दिन थॉमस ने फैसला किया कि अब वह जानवरों के बीच में चार पैरो वाला बनकर ही रहेगा। इसके बाद में थॉमस, स्विस ऐल्प्स पंहुचा और वहां पर बकरियों के साथ रहने लग गया। इसके बाद में थॉमस ने बकरियों के जैसे ही खेत खलियान आदि में सोना और घास खाना भी शुरू कर डाला।

रॉयल वेटनरी कॉलेज में रिसर्च के बाद में थॉमस ने एक कृत्रिम अंग बनाने वाले से संपर्क कर अपने लिए बकरी के डिजाइन का एक कंकाल बनवाया जो उसके फिट आ सके। इसके बाद उसने उस कंकाल को पहना और बकरियों के साथ में 3 दिन बिताए।

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अपने बकरियों के साथ में बिताए समय के बारे में पूछने पर थॉमस कहता है कि “सूट जो उसने बकरियों जैसा दिखने के लिए डिज़ाइन करवाया था, बहुत अजीब था। जहां सूट में घुमाव था, वहां-वहां उसके शरीर पर छाले पड़ गए। बकरियों की तरह चलने पर पैरों में भी जगह-जगह चोट के निशान पड़ गए।” थॉमस आगे कहते हैं कि,”एक बकरी ने उनसे दोस्ती भी की और उनके साथ घास चरने के लिए उनके पीछे तक गयी।” अपने सरे अनुभवों को थॉमस ने अपनी किताब ” GoatMan: How I Took a Holiday from Being Human” में लिखा है।

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shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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