बहुत सी हॉलीवुड फिल्मों में पृथ्वी का तापमान बहुत कम होने तथा उससे जीवन के नष्ट होने की कहानी को दिखाया गया है। आपको बता दें कि वैज्ञानिकों का दावा है कि आने वाले कुछ वर्षों में ऐसा समय सच में आने वाला है। हॉलीवुड फिल्म डे ऑफ्टर टूमॉरो में आइस ऐज को दर्शाया गया है। इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि पृथ्वी का वातावरण बहुत ज्यादा ठंडा हो गया और चारों और बर्फ जम चुकी है। इस फिल्म की यह घटना आने वाले कुछ वर्षों में सही साबित हो सकती है। ऐसा हम नहीं कह रहें हैं बल्कि वैज्ञानिक कह रहें हैं। उनकी रिसर्च से जो नतीजे सामने आये हैं वह बेहद चौकाने वाले हैं।
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विल्कॉक्स सोलर अब्जर्वटॉरी के प्रिंसिपल कम्पॉनंट अनैलेसिस की कई रिपोर्ट्स में यह कहा गया है कि आने वाले वर्षों में सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में कई बदलाव होंगे। यह बदलाव सूर्य की ताकत को कम कर देंगे। यह रिसर्च 1976 से 2008 के बीच 3 सोलर साईकिल पर की गई थी। इस बारे में प्रोफेसर वेलेन्टीना जारकोवा का कहना है कि “2030 से 2040 के बीच में नार्थ तथा साउथ पोल पर सूरज की चुंबकीय तरंगे एक ही समय पर एक दूसरे से टकराएगी। इस कारण पृथ्वी पर सूर्य की लगभग 60 प्रतिशत ऊर्जा कम हो जाएगी।”
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वैज्ञानिको का कहना है कि यदि सूर्य की ऊर्जा 60 प्रतिशत कम हो जाती है तो धरती पर जीवन नष्ट होने का सिलसिला शुरु हो जायेगा तथा चारों और बर्फ जमने लगेगी। इस प्रकार से दुसरा आईस ऐज का प्रारंभ हो जायेगा। आपको बता दें कि 1645 से 1715 ऐसी ही स्थिति बनी थी और थेम्स नदी का पानी भी बर्फ में बदल गया था। अब देखना यह है कि आने वाले समय में क्या कुछ होता है।