वैसे तो बहुत से भक्तों के दान के पैसों से गुरुद्वारों में हमेशा लंगर चलता ही रहता है लेकिन आज हम जिस गुरूद्वारे के बारे में आपको बता रहें हैं। वहां बिना किसी दान को लिए भी हमेशा भोजन का कार्य चलता है। यही इस गुरूद्वारे की खासियत है कि बिना किसी लंगर को लगाए यहां सभी भक्तों को भरपेट भोजन मिलता है। यहां पर न तो कोई दानपात्र है और न ही कोई गोलक यानि यहां पर किसी से भी कोई दान नहीं लिया जाता है। इस गुरूद्वारे के बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं। आइये अब हम आपको विस्तार से इस गुरूद्वारे के बारे में बताते हैं।
घर से भोजन लाते हैं भक्तगण –
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आपको सबसे पहले बता दें कि इस गुरूद्वारे का नाम नानकसर गुरुद्वारा है। यह करीब 50 वर्ष पुराना गुरुद्वारा है। यहां पर कोई लंगर नहीं लगाया जाता और न ही किसी से कोई दान लिया जाता है। नानकसर गुरुद्वारा आने वाले श्रद्धालू अपने साथ घर का बना हुआ भोजन लाते हैं। इस भोजन को इकठ्ठा कर सभी में बांटा जाता है। सभी लोग इस भोजन को ही प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है और आज भी जारी है।
चंडीगढ़ पंजाब में है यह गुरुद्वारा –
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नानकसर गुरुद्वारा पंजाब प्रदेश के चंडीगढ़ शहर के सेक्टर 28 में स्थित है। प्रतिवर्ष मार्च के माह में इस गुरूद्वारे में वार्षिक उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में भाग लेने के लिए देश विदेश से बहुत लोग शामिल होते हैं। उत्सव के बाद एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी लोग शामिल होते हैं। इस गुरद्वारे में 30 से 35 लोग सेवादार हैं जो यहां की सारी व्यवस्था को देखते हैं। इस गुरूद्वारे में सभी लोग अपने घर से ही भोजन लाकर गुरूद्वारे में दान देते हैं। इस भोजन को ही सभी में प्रसाद रूप में बांटा जाता है। इस प्रकार से बिना किसी दान के यहां सभी को भरपेट भोजन मिलता है जो अपने आप में एक मिसाल है।