देश की इस पुरानी जेल में कैद है एकमात्र कैदी, जानें इस जेल के बारे में

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गुजरात प्रदेश के एक कोने पर स्थित है दीव द्वीप। यहां पर एक जेल बनी हुई है। जो काफी पुरानी है लेकिन इस जेल में आज भी एक कैदी बंद है। यही सबसे दिलचस्प बात है की सदियों पुरानी इस जेल में आज भी सरकार ने एक व्यक्ति को कैद किया हुआ है। आपके मन में यह प्रश्न उठ सकता है की आखिर यह कैदी कौन है और इसको इस स्थान पर ही कैद क्यों किया हुआ है। इसके अलावा इस जेल का इतिहास आखिर क्या है।  आपको इस बारे में ही जानकारी दे रहें हैं। आपको बता दें की यह द्वीप एक केंद्रशासित प्रदेश है। यह काफी खूबसूरत भी है। इस द्वीप पर ही एक जेल है। जो करीब 472 वर्ष पुरानी है। इस जेल में आज सिर्फ एक ही कैदी है।

दीपक कांजी है इस जेल में कैद –

दीपक कांजी है इस जेल में कैद Image source:

आपको बता दें की 472 वर्ष पुरानी इस जेल में 30 वर्षीय दीपक कांजी नामक युवक बंद है। रिपोर्ट्स बताती हैं की दीपक को 20 लोगों के रहने के लिए बनाई गई एक बैरक में बंद किया गया है। इस स्थान पर दीपक को सरकार की और से कुछ सुविधाएं भी दी हुई हैं। इन में गुजरात अखबार पढ़ना, पत्रिकाएं पढ़ना, दूरदर्शन या धार्मिक प्रोग्राम देखना आदि शामिल है। इसके अलावा दीपक को प्रतिदिन 4 से 6 बजे तक गार्ड घुमाने के लिए ले जाता है। दीपक इस जेल का एक ही कैदी है इसलिए उसके भोजन का इंतजाम भी पास के रेस्टोरेंट से किया जाता है। वर्तमान में दीपक को दूसरी जेल में भेजने की कार्यवाही की जा रही है। इसके बाद इस जेल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को दे दिया जाएगा।

प्रत्येक कैदी पर हर महीने खर्च होते हैं 32 हजार रूपये –

प्रत्येक कैदी पर हर महीने खर्च होते हैं 32 हजार रूपयेImage source:

आपको जानकर हैरानी होगी की इस जेल में एक कैदी रखने पर हर महीने 32 हजार रुपये का खर्चा आता है। यह काफी ज्यादा है इसलिए ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 2013 में इस जेल को अपने आधीन लेने की गुजारिश सरकार से की थी। उस समय इस जेल में 7 कैदी थे जिसमें से 2 महिलायें थीं। इनमें से 4 लोगों को यहां के 100 किमी दूर अमरेली जेल भेज दिया गया है जबकि 2 कैदियों ने अपनी सजा को पूरा कर लिया था। इस प्रकार से 6 कैदी रिहा हो चुके हैं और अब मात्र एक कैदी दीपक कांजी यहां बंद है। जिसको दूसरे स्थान पर भेजने की कवायद चल रही है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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