दिल्ली वालों को आखिर यूं ही दिलवाले नहीं कहा जाता है बल्कि यहां पर सच में बसते हैं दिलवाले। बस जरूरत होती है मौकों की, जिसमें ये दिल्ली वाले साबित कर देते हैं कि सच में दिल्ली है बड़े दिलवालों की। आपने भी अक्सर सुना होगा या शायद कभी आपके साथ भी ऐसा हुआ होगी कि आपका सामान टैक्सियों या ऑटो में सफर करते वक्त छूट गया हो। जिसमें कई बार हमें वो छूटा सामान मिलता तक भी नहीं है, लेकिन आज हम आपको दिल्ली के टैक्सी वाले से जुड़ी एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जिसको जानने के बाद हर दिल्ली वाले का सिर फक्र से ऊंचा हो जाएगा।
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लेकिन उससे पहले आप हमें ये बताइए कि अगर आपको कभी नोटों से भरा बैग मिल जाए तो आप क्या करेंगे। इसका जवाब आप जो भी दें, लेकिन हकीकत से हम सभी वाकिफ हैं। वहीं, दिल्ली के इस टैक्सी वाले ने ईमानदारी की एक ऐसी अनोखी मिसाल की है। जिससे सच में लोग दिल्ली को दिलवालों की कहने पर मजबूर हो जाएंगे। दरअसल 30 साल के टैक्सी ड्राइवर सुनील कुमार की कैब में एक सवार गलती से 4.5 लाख रुपयों से भरा बैग भूल गई। यह टैक्सी वाला जब उस सवारी को साकेत छोड़कर आया तो उसने नोटों से भरे उस बैग को टैक्सी में देखा। उसने तुरंत इसकी सूचना पहले तो दिल्ली एयरपोर्ट टैक्सी एसोसिएशन को दी और उसके बाद वह इसे लौटाने के लिए निकल पड़ा।
उसने उस बैग की तलाशी ली और उसमें उसे उस सवारी का फोन नंबर और उसका नाम पता चला। उसका नाम उत्कर्ष कट्टा था, जो एक दिन के लिए बिजनेस के सिलसिले में दिल्ली आया हुआ था। वहीं दूसरी ओर उत्कर्ष कट्टा पैसों से भरा बैग ना मिल पाने के कारण काफी परेशान थे। उन्होंने होटल स्टाफ से भी सीसीटीवी फुटेज चेक करवाई, लेकिन जैसे ही उनको उस टैक्सी वाले का फोन आया उसके बाद उन्होंने राहत की सांस ली।
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उत्कर्ष कट्टा को अपना बैग मिल गया। जिसके बाद उन्होंने कहा कि ये किसी चमत्कार से कम नहीं है कि पैसों से भरा बैग वापस मिल जाए। आज के वक्त में ऐसी ईमानदारी बहुत ही कम देखने को मिलती है, लेकिन मुझे मेरा बैग मिल गया। मैं काफी ज्यादा खूश हूं और उस टैक्सी वाले का काफी अहसानमंद हूं। इस दौरान उतकर्ष कट्टा ने इस टैक्सी वाले की ईमानदारी से खुश होकर उसे 5 हजार रुपये इनाम के भी दिए।
दिल्ली एयरपोर्ट टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष राजेश कुमार का कहना है कि “यूनियन हमेशा ही ऐसी अवस्था में ड्राइवरों से ईमानदार बने रहने की अपील करती रहती है। लोग काली पीली टैक्सियों को बेशक असुरक्षित मानते हों, लेकिन अगर कोई ऐसा मामला होता है तो हमारे ड्राइवर हमें जरूर सूचित करते हैं।”