टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने डिपार्टमेंट ऑफ टेली कम्युनिकेशन से सिफारिश की है कि मोबाइल कनेक्शन के लिए आईडी प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड जरूरी कर दिया जाए। ट्राई का कहना है कि इसके जरिए काफी सिक्योरिटी रहेगी और इसके कई फायदे हैं।
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ट्राई बढ़ाना चाहता है सिक्योरिटी
ट्राई ने सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए कहा है कि मोबाइल कनेक्शन के लिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) के कॉलम में आधार कार्ड नंबर अनिवार्य किया जाए। ट्राई ने अपनी ये सिफारिश डिपार्टमेंट ऑफ टेली कम्युनिकेशन को 15 दिन पहले सौंप दी थी। हालांकि ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा का कहना है कि अभी तक उन्हें इस बात का जवाब नहीं मिला है।
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जानिए इसके क्या हो सकते हैं फायदे
अगर सरकार ने इस सिफारिश को मंजूरी दे दी तो मोबाइल कनेक्शन में होने वाली वेरिफिकेशन प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इसी के साथ डॉक्यूमेंट का काम ऑनलाइन हो सकता है। चेयरमैन आरएस शर्मा के मुताबिक प्रमाणीकरण होने से पेपर का इस्तेमाल भी कम हो जाएगा। इस जरिए कनेक्शन वाले लोगों की ट्रैकिंग करने में आसानी होगी जो कि सिक्योरिटी के लिए लाभदायक है। सिर्फ यही नहीं ऐसा हो जाने से रिटेलर जिसे भी कनेक्शन बेचेंगे, उसकी पूरी प्रोफाइल बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन डिटेल्स UIDAI के जरिए ऑनलाइन मिल सकती है।
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आजकल के दुकानदार किसी एक व्यक्ति के डॉक्यूमेंट पर दो सिम कार्ड बेच देते हैं, जिसकी वजह से सिक्योरिटी का खतरा हो सकता है। यूआईडीएआई अब तक भारत में 97.93 करोड़ आधार कार्ड जारी कर चुकी है, यानि 85 प्रतिशत आबादी के आधार कार्ड बन चुके हैं। आपको बता दें कि सेबी ने आधार कार्ड इलेक्ट्रॉनिक की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए म्यूचुअल फंड कंपनियों को इजाजत दे दी है।