क्या कोई मृत्यु के बाद भी जीवित हो सकता है। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिनसे विश्वास किया जा सकता है कि हां यह बात भी संभव हो सकती है। गुजरात में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया। यहां डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए गए एक नवजात को श्मशान ले जाया गया। उसे दफनाने की सभी प्रक्रिया पूरी की जा रही थी कि तभी बच्चे के शरीर में हरकत होने लगी। सब लोग आनन-फानन में बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे। अभी तक यह बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है।
क्या है पूरा मामला-
यह मामला गुजरात के वडोदरा का है। वडोदरा के भरूच शहर में रहने वाली महिला भाग्यश्री ने एक बेटे को जन्म दिया था। सिविल अस्पताल में जन्मे इस बच्चे को पैदा होते ही सांस लेने में परेशानी हो रही थी। जिसके कारण बच्चे को अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ समय के बाद डॉक्टरों ने बच्चे के पिता नागोराव गोरदेड से कहा कि बच्चे के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है। वेंटिलेटर से हटाते ही बच्चे की मृत्यु हो जाएगी आप सभी अंतिम तैयारी कर लीजिए। कुछ देर बाद बच्चे को पिता को सौंप दिया गया। पिता ने भी बच्चे को अपनी गोद में लिया और भारी मन से उसकी अंतिम क्रिया के लिए श्मशान जाने लगे। श्मशान पहुंचते ही बच्चे को दफनाने की प्रक्रिया की जाने लगी। यह प्रक्रिया पूरी हो पाती उससे पहले ही बच्चे के हाथ पैर में हरकतें होने लगी। जिसे देख कर बच्चे के पिता उसे तुरंत अस्पताल ले गए। अस्पताल में नवजात की दोबारा जांच शुरू की गई और तुरंत इलाज करना शुरू कर दिया गया। अब नवजात की हालत ठीक है।
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नवजात के पिता नागोराव गोरदडे का कहना है कि वेंटिलेटर से हटाने के बाद भी डॉक्टरों ने बच्चे की जांच की होती तो इस तरह की गलती न होती। वहीं दूसरी ओर अस्पताल के उच्च अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। अगर डॉक्टर दोषी पाए गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।