वोट पर नोट पाने की चर्चा तो हर जगह आपने चुनाव आने के दौरान सुनी ही होगी। पर अब तो बदलते मौसम के साथ नेताओं के कारनामों में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। वोट पाने के चक्क्रर में ये लोग वो काम कर जाते है जो सभी के लिये चर्चा का विषय बन जाता है कि क्या ऐसा भी हो सकता है जैसे:
जब कोई एक्ट्रेस घर के बर्तन उठानें में नौकरों का सहारा लेती है और वो वोट की राजनीती के लिये खेत पर हल जोतने को भी तैयार हो जाती है वाह रे! राजनीती..। अब आप ही देख सकते है बॉलिवुड की ड्रीमगर्ल हेमामालिनी को।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत में चुनाव जीतने के लिए नेता अनगिनत हथकंडे अपनाते हैं. चाहे फिर चिलचिलाती धूप में रोड शोज़ करना हो, या फिर मंच पर घंटों अपशब्दों से भरें भाषण बोलने में कोई कसर भी नही छोड़ते …
चुनाव छोटा हो या बड़ा,लोक सभा चुनाव हो, या विधान सभा, पंचायती चुनाव हो या म्युनिसिपाल्टी के चुनाव, नेतागण वोट पाने के लिए नए-नए तोड़ निकाल ही लेते हैं।
ऐसे ही कुछ कारनामों का पुलिंदा हाज़िर कर रहे हैं:
इसकी शुरुआत हम हेमा मालिनी जी के साथ करते है।
वोट के लिये कार की जगह ट्रैक्टर पर चढ़ते हुये काफी खुश नजर रही है हेमा जी।
सूख चुके नल से पानी निकालती हेमा जी..
वोट के लिये कई नेतागण बांट रहें है फूड पैक के साथ दारू की बोतल
‘तो कोई टीवी, पंखे आदि देता है’
चूल्हे पर बैठकर रोटी बनाने
चुनाव के इस मौसम नेता चुनावी रोटी सेंकने से भी बाज नहीं आ रहे है। अब इन महाराना को देख लो महल पर नौकरों के हाथो से बना खाना शायद इन्हें रास नही आ रहा है तभी तो चुनाव प्रचार पर निकलने के दौरान कोटा की पूर्व महारानी कल्पना सिंह एक गरीब के घर में घुसकर उसके चूल्हे पर बैठकर रोटी बनाने लगीं।
दलितों के घर खाना
ऐसा कहा गया है कि राजनीती की इस जंग में सब कुछ जायज है तभी तो नेता अब दलितों के घर जा कर उन की औरतों के हाथ का बना खाना खा कर सियासत बटोर रहे है जो काबिले तारीफ है कि ऊंची जाति वाले नेता दलितों के घर पहुच कर खाना ख रहे है।
गाड़िया लोहार परिवार के घर का खाना
अब जब अमित शाह जी दलितों के घर का खाना खा सकते है तो राजनाथ भला फिर क्यो चूके वो भी पहुच गए गाडिया लोहार परिवार के घर। वहां पर जाकर उन्होनें भी खाना खाकर इस कमी को पूरा कर दिया।
फुटपाथ का भोजन
अब जब बड़े बड़े राजनेता घरों पर खाना खाने जाने लगे तो इन महाशय ने कुछ अलग करने की सोची सुर्खियों में छाये रहने के लिये फुटपाथ का भोजन करने बैठ गए
अब जब खाना खाया है तो पचाना ही पड़ेगा। तो इसके लिये मै साइकिल पर जाना ज्यादा पसंद करूगां। तो चल दिये साइकिल पर बैठकर इस तर्ज के साथ … चला जाता हूं किसी की धुन में…
सेल्फ़ी तो बनती है
अब बात हो लोगों तक अपनी अच्छी छवि बनाने के तो फिर सेल्फी से बढ़िया तरीका और कुछ नही हो सकता।
मतदान बना कन्यादान
अब योगी महराज संन्यासी को की इस बात को आप पढ़ सकते है जिन्होनें अभी हाल ही में जनता को चेतावनी दी है कि यदि वोट नहीं दिया तो मैं अपने पाप आपको दे जाऊंगा। ‘कन्यादान के बराबर होता है मतदान’
दूल्हे के लिबास में घोड़ी पर सवार होकर नामांकन भरने पहुंचना