खजाना एक ऐसी चीज है जिसका नाम सुनते ही किसी के मन में भी उसे हासिल करने का ख्याल आना लाजमी है पर खजाना यू ही किसी को थोड़े ही मिल पाता है। आज भी बहुत सी ऐसी जगह मौजूद हैं जहां पर भारत के राजाओं के बहुमूल्य खजाने होने के किस्से प्रचलित हैं पर आज तक कोई भी उन खजानों को नहीं खोज सका है। आज हम आपको एक ऐसे ही खजाने के बारे में जानकारी दे रहें हैं जिस तक पहुंचने के लिए कई लोगों ने कोशिश की पर आज तक कोई नहीं वहां पहुंच सका।
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यहां है खजाना –
बिहार एक छोटा सा शहर है राजगीर, यह शहर नालंदा जिले में स्थित है। पुरातनकाल में यह शहर ही मगध राज्य की राजधानी हुआ करता था और उस समय भगवान बुद्ध ने यहां के राजा बिम्बिसार को उपदेश भी दिए थे। बौद्ध धर्म से जुड़े कई स्मारक इस शहर में स्थित है पर एक और चीज है जो की इस शहर को ऐतिहासिक महत्त्व से परिपूर्ण बनाती है। असल में इस राजगीर शहर में ही एक ऐसी गुफा भी मौजूद है जिसको “सोना भंडार गुफा” कहा जाता है और बहुत लोग ऐसा मानते हैं कि इस गुफा के अंदर सोने का बड़ा भंडार है। कुछ लोग इस खजाने को मगध के राजा जरासंध का मानते हैं तो कुछ लोग इस खजाने को मौर्य सम्राट बिम्बिसार का बताते हैं।
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खजाने के सीक्रेट कोड को आज तक कोई हल नहीं कर सका –
इस गुफा में यदि आप प्रवेश करते हैं तो आप 10.4 मीटर लम्बा, 5.2 मीटर चौड़ा तथा 1.5 मीटर ऊंचा एक हॉल देखते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह हॉल इस खजाने की रक्षा करने वाले सुरक्षाकर्मियों के लिए था। इससे आगे यदि आप जाते हैं तो आपको एक दीवार दिखाई देती है जो की बहुत मोटे पत्थर की बनी है इस दीवार पर उस समय की शंख लिपि में कुछ लिखा है पर यह वर्तमान में सही से समझ नहीं आता कि लिखा क्या है। कुछ लोगों का कहना है कि इस दीवार के पीछे ही खजाना छुपा है और उस तक जाने के रास्ते का मार्ग इस दीवार पर शंख लिपि में लिखा है। इस लेख को आज तक कोई नहीं पढ़ सका इसलिए इस खजाने तक कोई नहीं पहुंच सका। एक बार अंग्रेज सरकार ने इस दीवार को तोड़ने के लिए तोप का प्रयोग भी किया था पर दीवार नहीं टूट पाई थी। इस दीवार पर आज भी उस अंग्रेजी गोले का निशान मौजूद है।