इंसानियत: जब राम ने बचाई रहीम की जान

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ऑर्गन डोनेशन हालांकि काफी पहले से अपने देश में चल रहा है, ताकि जरूरत के समय किसी अन्य व्यक्ति की जान को बचाया जा सके। हम यहां आपको ऑर्गन डोनेशन की एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने लोगों में इंसानियत और भाईचारे के जज्बे को जगाने का काम किया है। घटना है महाराष्ट्र के औरंगाबाद की, जहां पर एक्सीडेंट में अपनी जान गंवा चुके राम की किडनी ने रहीम नामक व्यक्ति की जान बचाई।

जानकारी के लिए बता दें कि राम नामक युवक महाराष्ट्र के विदर्भ का था। राम का एक्सीडेंट बुलढाना हाईवे पर हो गया था। इस घटना के बाद उसको औरंगाबाद के हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां उसका इलाज हो रहा था पर कुछ समय बाद उसको “ब्रेन डेड” बता दिया गया था। वहीं, दूसरी ओर हॉस्पिटल में भर्ती रहीम अपनी किडनी की बीमारी से 5 साल से पीड़ित था और उसकी आखिरी स्टेज चल रही थी। इसी बीच यह खबर आई कि रहीम का ब्लड ग्रुप राम से मिल गया है। इसे देखते हुए डॉक्टर राम के परिवार वालों से मिले और राम की किडनी रहीम को देने की बात की। इस पर राम के घर वालों ने उसकी किडनी देने के लिये हामी भर दी। ऑपरेशन कर किडनी ट्रांसप्लांट की गई और राम के जरिए रहीम को नया जीवन मिल गया।

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क्या कहते हैं रहीम के परिवार वाले-
हाफिज पटेल, जो कि रहीम के भतीजे हैं, उन्होंने कहा कि राम के पारिवारिक लोग हमारे लिये भगवान बन कर आए। हम लोग राम की मां के बहुत शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया। रहीम का किडनी ट्रांसप्लांट बिल्कुल सही रहा है। जल्द ही उनको हॉस्पिटल से छुट्टी भी मिल जायेगी।

अन्य अंग भी किये दान-
राम के पारिवारिक लोगों की स्वीकृति से उसके और भी बॉडी पार्ट्स सुरक्षित कर लिये गये हैं। जानकारी के लिए बता दें कि राम के लिवर को मुंबई और हार्ट को चेन्नई भेज दिया गया है। इस कार्य के लिए प्रशासन की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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