अपने देश में हिन्दू और मुस्लिम लोगों के कई ऐसे स्थान हैं जहां पर दोनों धर्म के लोग साथ में पूजा करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर हिन्दू और मुस्लिम लोग साथ में पूजा करते हैं। इस मंदिर की विशेष बात यह है कि इस मंदिर से हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही संप्रदाय के लोगों की मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यही कारण है कि दोनों ही संप्रदायों के लोग इस मंदिर में साथ में पूजा करते हैं।
कहां है यह मंदिर –
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यह मंदिर आंध्रप्रदेश के कड़पा शहर में है जो कि तिरुपति से 120 किमी दूर स्थित है। यह भगवान बालाजी का मंदिर है और यहां पर हिन्दू और मुस्लिम लोग साथ में पूजा करते हैं। तेलगु के नये साल (उगादी) पर यहां हजारों मुस्लिम लोग आकर पूजा करते हैं। हाल ही की बात करें तो बीते शुक्रवार को इस मंदिर में ख़ास पूजा का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों मुस्लिम व हिंदू लोग बालाजी के इस मंदिर में पहुंचे और आरती में हिस्सा लिया। उगादि के दिन अनंतपुर और चित्तूर सहित कई जिलों के मुस्लिम लोग बड़ी संख्या में इस मंदिर में पहुंचते हैं और पूजा में हिस्सा लेते हैं।
क्या है मुस्लिम लोगों की मान्यता-
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असल में मुस्लिम लोग मानते हैं कि 1311 ई. में नानचारम्मा नाम की एक मुस्लिम लड़की की शादी बालाजी से हुई थी, इसलिए मुस्लिम लोग बालाजी को दामाद मानते हैं। इसके अलावा बहुत सारे लोग इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि इस प्रकार से एक साथ पूजा करने से हिन्दू-मुस्लिम एकता को बल मिलता है और दोनों के मध्य प्रेम व सद्भावना का विकास होता है।