वर्षा कराता है यह मंदिर, हिन्दू-मुस्लिम साथ करते हैं पूजा

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देखा जाये तो अपने देश में ऐसे बहुत से मंदिर और धार्मिक स्थान हैं जिनके साथ कोई न कोई चमत्कारिक घटना जुड़ी हुई है, लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जिसमें उपासना करने से बारिश हो जाती है। यही नहीं यदि अधिक बारिश हो रही हो तो बारिश बंद भी हो जाती है। यह मंदिर है हिमाचल प्रदेश के “धर्मशाला” नामक स्थान से 10 किमी दूर खनियारा गांव में। इस मंदिर को “श्री इंदु नाग मंदिर” के नाम से जाना जाता है और इसके देवता “श्री इंदु नाग” कहलाते हैं।

कैसे होती है बारिश-

यदि समय पर वर्षा नहीं होती और वर्षा की जरूरत महसूस होती है या फिर मौसम साफ़ चाहिए होता है तब ग्रामीण इस इंदु नाग मंदिर में जाकर गुरखेल के दौरान इन्दुनाग द्वारा सुझाये मार्ग का अनुसरण करते हैं और अपनी मुराद पूरी करते हैं। वर्तमान समय में “हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन” की आस्था भी इस मंदिर के प्रति बढ़ गई है। जब कभी धर्मशाला के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में कोई मैच होता है तो सबसे पहले यहां पूजा करके भगवान इन्दुनाग का आशीर्वाद लिया जाता है। विशेष बात यह है कि इस मंदिर में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग पूजन करते हैं।

यदि-समय-पर-वर्षा-नहीं-होती-और-वर्षा-की-जरूरत-महसूसImage Source :https://c1.staticflickr.com/

क्या है मंदिर का इतिहास –

इस मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। ग्रामीण, पुजारी आदि सिर्फ यही जानते हैं कि एक वान के पेड़ के नीचे भगवान इन्दुनाग के पैरों के निशान मिले थे। कुछ समय बाद इस स्थान पर चंबा का एक राजा पहुंचा। उसके कोई संतान नहीं थी। भगवान इन्दुनाथ ने उसको स्वप्न में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद दिया। तब वह राजा इस स्थान पर पहुंचा और विधि विधान से पूजन आदि किया। इसके बाद वह राजा अगले वर्ष अपने पुत्र को लेकर इस जगह आया और यहां मंदिर बनवाने की घोषणा की। साथ ही यहां की सारी जमीन मंदिर के नाम कर दी। तब से इस मंदिर में पूजा अर्चना की जाने लगी। ऐसा माना जाता है कि यहां हर भक्त की मनोकामना जरूर पूरी होती है।

कैसे पहुंचें यहां-

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का काफी फेमस स्थान है। यहां से खनियारा गांव की दूरी मात्र 10 किमी है। इसी खनियारा गांव में भगवान इन्दुनाग का मंदिर स्थित है। आप खनियारा के लिए धर्मशाला से बस या मुद्रिका वैन भी ले सकते हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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