आखिर क्यों छापा है 50 रूपए के नए नोट पर हंपी रथ मंदिर, जानिए इसकी विशेषताओं को

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हंपी रथ मंदिर

हाल ही में आरबीआई ने 50 रूपए का नोट जारी किया है, पर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस नोट के एक ओर छपे हंपी रथ मंदिर के बारे में, इसलिए आज हम यहां आपको इस बारे में ही जानकारी दे रहें हैं। जैसा की आप जानते ही हैं कि हाल ही में आरबीआई ने 50 रूपए के नोट को जारी किया है। इस नोट का रंग फिरोजी है। इसके एक ओर महात्मा गांधी की तस्वीर होगी, तो दूसरी ओर हंपी रथ मंदिर की तस्वीर आपको देखने को मिलेगी। आपको बता दें कि यह हंपी मंदिर कर्नाटक की प्राचीन राजधानी विजय नगर साम्राज्य का है। आपको हम यह भी बता दें कि हंपी को यूनेस्को ने ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया हुआ है। 50 के नए नोट पर छपी हंपी रथ मंदिर की तस्वीर भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगी।

हंपी और उसका रथ मंदिर –

हंपी रथ मंदिरImage Source:

सबसे पहले हम आपको हंपी के बारे में बता दें कि हंपी आधुनिक कर्नाटक राज्य की प्राचीन राजधानी विजय नगर का ही एक हिस्सा है। आपने राजा कृष्णदेव राय तथा तेनालीराम के रोचक किस्से सुने होंगे। यह विजय नगर साम्राज्य वहीं राजा कृष्णदेव राय का ही विजय नगर है। हंपी एक विशाल साम्राज्य था। पुरातत्व विभाग भी आज इसको करीब 24 वर्ग किमी के दायरे में फैला हुआ मानता है। यहां पर आज भी विरुपाक्ष मंदिर, हजारराम मंदिर, विट्ठल मंदिर आदि दर्शनीय हैं। आपको हम बता दें कि हंपी के विट्ठल मंदिर परिसर में ही रथ मंदिर स्थिति है। असल में इसकी बनावट एक रथ के जैसी है, इसलिए ही इसको रथ मंदिर कहा जाता है। इसी रथ मंदिर को भारतीय सरकार ने 50 रूपए के नए नोट पर छापा है।

हंपी रथ मंदिर की विशेषताएं –

हंपी रथ मंदिरImage Source: 

हंपी रथ मंदिर को जब आप देखेंगे तो पाएंगे कि यह विशाल पत्थरों की कटाई करके निर्मित किया गया है। वर्तमान में भी यह रथ मंदिर काफी विशाल स्वरूप लिए हुआ है। इस रथ मंदिर की विशेषता यह है कि पत्थर का होने के बाद भी इस हंपी रथ मंदिर के हर पार्ट को खोल कर कहीं भी ले जाया जा सकता है तथा रथ के ऊपर बने पत्थर के खंबों को बजाने से संगीत निकलता है। इस हंपी रथ मंदिर को आज से करीब 600 वर्ष पहले निर्मित किया गया था।

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