गुरु गोबिंद सिंह के सभी बाणों पर क्यों लगा होता था सोना, जानें वजह

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गुरू गोबिंद सिंह सिखों के 10वें गुरू थे वह एक महान कर्मप्रणेता, ओजस्वी वक्ता, अद्वितीय धर्मरक्षक होने के साथ-साथ दर्शनशास्त्री और एक अच्छे कवि भी थे। उन्होंने गरीबी-अमीरी के सामाजिक भेदभाव को दूर कर अन्याय और अत्याचारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने धर्म के प्रचार प्रसार एवं उसकी रक्षा करने के लिए अपने चार बेटों की बलि दे दी। वे एक ऐसे वीर योद्धा थे कि दुश्मन भी उनसे लोहा मान पीछे हटने को मजबूर हो जाता है।

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पर क्या आप जानते है कि इतने बड़े योद्धा होने के बाद भी वो अपने शत्रु के प्रति कैसा व्यवहार रखते है। आपको भले ही इस बात को पता ना हो, पर आज हम आपको इस राज के बारे में बताते है कि गुरु गोबिंद सिंह जब भी युद्ध के लिए जाते थे, तो पहले वो अपने हर बाणों में एक तोला सोना लगवाया करते थें। जिसका कारण जब लोगों ने जानने कि कोशिश की तो उन्होंने बताया कि शत्रुता और मित्रता दिल से बनती है। इन रणक्षेत्रों में भी मेरा कोई शत्रु नहीं है। मेरी लड़ाई सिर्फ अत्याचारियों और जुल्म के खिलाफ है। इसमें शामिल होने वाले सैनिकों में जो भी मेरे बाणों से घायल होता है वो इस सोने की मदद से अपना उपचार करा कर एक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकता है और यदि इसी जगह में उसकी मौत हो जाती है, तो उसका अंतिम संस्कार भी इसी के माध्यम से अच्छे से हो सकता है। वे अपने कर्म के माध्यम से लोगों को अंधेरे से निकालकर उजाले की ओर ले जाना चाहते थें, जहां सिर्फ आपसी प्रेम होने के साथ शांति रहें।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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