मौत का रहस्य आदिकाल से अनसुलझा और अज्ञात बना रहा है। भिन्न-भिन्न प्रजातियों के लोगों से लेकर पशु-पक्षी तक इसमें उलझे नजर आते हैं। यह रहस्य जितना सुलझाया गया उतना ही उलझता चला गया। आपने आत्महत्या करने वाले लोगों की बहुत सी खबरें पढ़ी होंगी पर क्या आप जानते हैं कि पक्षी भी आत्महत्या करते हैं। जी हां, इस बार हम आपको ले चलते हैं एक ऐसी जगह जहां मौत के रहस्य में उलझकर आसमान को छूने वाले पक्षी खुद मौत को गले लगा लेते हैं यानी आत्महत्या कर लेते हैं।
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उत्तर पूर्वी राज्य असम में एक घाटी है जिसे जतिंगा वैली कहते हैं। यहां जाने पर आप प्रत्यक्ष रूप से पक्षियों को आत्महत्या करते देख सकते हैं। मानसून के अलावा अमावस और कोहरे वाली रात को पक्षियों के आत्महत्या करने के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि यह भूत-प्रेतों और अदृश्य ताकतों का काम है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेज हवाओं से पक्षियों का संतुलन बिगड़ जाता है, पेड़ों से टकराकर घायल हो जाते हैं और मर जाते हैं। बात चाहे जो भी हो, लेकिन यह स्थान पक्षियों के आत्महत्या के कारण दुनिया भर में रहस्य बना हुआ है।
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कैसे जाएं- गुवाहाटी से जतिंगा 330 किमी दूर है। गुवाहाटी से हाफलोंग के लिए बस और ट्रेन सेवा है। यहां ठहरकर आप यह दृश्य खुद देख सकते हैं।