हमारी पृथ्वी पर ऐसे कई स्थान हैं जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं, पर अभी तक उनका राज खुला नहीं है। वहीं, कई ऐसे स्थान भी हैं जो रहस्यमय स्थानों की श्रेणी में आते थे पर समय रहते ही उनके रहस्य को खोल दिया गया है। आज हम आपको ऐसी ही एक खदान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो वर्ल्ड में सबसे बड़ी हीरे की खदान है यानि संसार में भर में सबसे ज्यादा हीरे इस खदान में मिलते हैं। इस खदान से जुड़ा एक रहस्य भी है कि यदि कोई हेलीकॉप्टर इस खदान के ऊपर से गुजरता है तो वो क्रैश हो जाता है। अभी तक कई हेलीकॉप्टर इस प्रकार की दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। आज हम आपको बतायेंगे कि आखिर ऐसा क्यों होता था।
कहां और कैसी है यह खदान-
यह खदान पूर्वी साइबेरिया में स्थित है। यह मानव के द्वारा पृथ्वी पर किया गया दूसरा सबसे बड़ा होल है। यह खदान 1722 फ़ीट गहरी और 3900 फ़ीट चौड़ी है। जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में पहले नंबर पर आने वाली बड़ी माइन का नाम बिंघम कॉपर माइन है। पूर्वी साइबेरिया की इस माइन को 13 जून 1955 में सोवियत भू वैज्ञानिकों की एक टीम ने खोजा था। इस माइन के विकास का कार्य 1957 में शुरू किया गया था। अगर यहां के मौसम की बात करें तो यहां का मौसम अधिकतर खराब ही रहता है और सर्दियों में यहां का तापमान इतना कम हो जाता है कि यहां गाड़ियों का तेल जम जाता है। कई बार खड़ी हुई गाड़ियों के टायर तक फट जाते हैं। दिन का कार्य पूरा हो जाने बाद यहां की मशीनों को ढक देना पड़ता था ताकि मशीन ख़राब न हो जाये। इस खदान की खोज के बाद रूस विश्व का तीसरा सबसे बड़ा हीरा उत्पादन करने वाला देश बन गया था।
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क्यों क्रैश हो जाते थे हेलीकॉप्टर –
जब तक इस माइन में काम चलता रहा तब तक कई ऐसी घटनायें हुईं जिनमें इस माइन के ऊपर से गुजरने वाले हेलीकॉप्टर इसमें समा कर क्रैश हो जाते थे। इसका रहस्य यह है कि असल में यह माइन बहुत ज्यादा विशाल है। इसलिए अक्सर इसके ऊपर से गुजरने वाले हेलीकॉप्टर पर नीचे की ओर बहने वाली हवा का इतना दबाव पड़ता था कि हेलीकॉप्टर नीचे माइन में समा कर क्रैश हो जाते थे। इस बात के खुलासे के बाद इस माइन के ऊपर से हेलीकॉप्टर्स की उड़ान पर पाबंदी लगा दी गई। सन् 2011 में इस खदान का कार्य पूरी तरह बंद किया जा चुका है।