IIT के पूर्व छात्र और वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को कौन नहीं जानता है, पर हाल ही में उनके लैपटॉप में रैंसमवेयर वायरस का अटैक हुआ है और उनसे मांगी गई है 2 करोड़ की फिरौती। जी हां, यह सच है। आपके कुछ समय पहले रैंसमवेयर वायरस से बहुत से लोगों के कंप्यूटर हैक होने वाली खबरें पढ़ी या सुनी ही होंगी।
अब फिर से रैंसमवेयर वायरस एक्टिव हो गया है और इस बार उसने सबसे पहले शिकार बनाया है मुख्यमंत्री केजरीवाल को। हैकर ने केजरीवाल को पत्र लिखकर 2 करोड़ की फिरौती मांगी है। हैकर द्वारा लिखें गए इस पत्र को हम आपके सामने ज्यों का त्यों रख रहें हैं। आप पढ़िए इस पत्र को और जानिए हैकर ने क्या कुछ लिखा था अपने इस पत्र में।
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“मान्यवर मुख्यमंत्री जी,
नमस्ते।
आशा है आप सकुशल होंगे। बच्चों को हैकर मामा की ओर से आशीर्वाद देना। आपको यह खबर देते हुए हमें बहुत गर्व अनुभव हो रहा है कि हमने आखिरकार आपका लैपटॉप हैक कर लिया है। अब आपका लैपटॉप हम लोगों के कब्जे में ही हैं और इसमें छुपी वे सभी जानकारियां भी जो आपने अत्यंत स्ट्रांग पासवर्ड लगाकर रखी हुई थी, हम लोगों के सामने खुली हुई हैं।
इनमें से लोकपाल, शिला दीक्षित की चार्टशीट, मोदी जी की तिजोरी का गुप्त पता जैसी चीजें हैं। यदि आप इसको वापस चाहते हैं तो आने वाली अमावस्या की रात को पुराने किले के पीछे आ जाएं। यह तो कहियेगा ही मत की हमारे पास पैसे नहीं है, हम आम आदमी हैं। हमको सब अच्छे से मालूम है। जो बैग आपको सतेंद्र भाई ने दिया था उसी बैग को लेकर आपको आना है, वरना हम आपके लैपटॉप से सारी जानकारी मिटा देंगे। सुनीता भौजी को हमारा प्रणाम कहना।
आपके शुभचिंतक
हैकर मामा”
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इस पत्र को लेकर तुरंत केजरीवाल ने आईटी सेल में FIR दर्ज कराई है। मीडिया में बात आने के बाद में जब मीडिया के लोगों ने पूछा कि इसके पीछे किसका हाथ है तो केजरीवाल भड़क गए। उन्होंने सीधे-सीधे पीएम मोदी पर आक्षेप लगाते हुए कहा कि “मोदी जी ने अपने सबूत मिटाने के लिए हैकरों से साठ-गांठ की है, जी।
अब आप ही बताओं हिंदी में पत्र कौन लिखता है। यह सब हिंदी प्रेमी मोदी की ही चाल है। हम तो आम लोग है जी। खैर, इस बार आप पर यह गलती बहुत भारी पड़ेगी मोदी जी देख लेना आप।”, इतना कहते ही वह अपने घर में किसी चीज को ढूंढने में मशगूल हो गए थे, शायद वह सतेंद्र जैन वाला बैग ही ढूंढ रहें थे।
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना है। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं है। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक है। अगर इससे कोई आहत होता है तो हमें बेहद खेद हैं।