इस युवक के सपने के आधार पर सरकार ने शुरू किया खजाने को ढूंढने का काम

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कहा जाता कि सपने सिर्फ सपने ही होते हैं, उनका कोई खास मतलब नहीं होता, लेकिन इस शख्स ने अपने सपने में खजाना देखने का दावा किया और अब सरकार खजाने की खुदाई कराने में जुट गई है। आपने पंच तंत्र की कहानियां पढ़ी ही होंगी। इन कहानियों में एक कहानी ऐसी भी है जिसमें राजा का एक आदमी जब कोई सपना देख लेता था, तो राजा उसके सपने के अनुसार अपने कार्य करने लगता है, हाल ही में भारत के कर्नाटक से भी एक ऐसी ही खबर सामने आई है।

इस खबर के अनुसार कर्नाटक के एक व्यक्ति ने सपने में खजाना देखा और राज्य सरकार को चिट्ठी लिख दी। 16 अगस्त को यह चिट्ठी कर्नाटक सरकार को लिखी गई थी और 18 अगस्त से युवक के सपने में दिखाई पड़ी जमीन पर खुदाई का काम सरकार की ओर से शुरू करा दिया गया।

government starts discovering the hidden treasure following a dreamimage source:

आपको बता दें कि यह चिट्ठी 29 साल के “प्रद्युमन यादव” ने कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया को लिखी थी। अपने सपने के बारे में बताते हुए इस युवक ने कहा था कि उसने सपने में 2 बंगलों के 6 बैडरूम के नीचे खजाना छुपा हुआ देखा है। इसको सीएम के प्रधान सचिव ने नोटिस में लिया तथा हेरिटेज विभाग को पत्र लिख इस बात की जांच करने के आदेश दे दिए। इस संबंध में मंत्रालय ने भी अपने आदेश जारी कर दिए। बस फिर क्या था सरकार ने खुदाई का काम शुरू करा दिया।

आपको हम यहां यह भी बता दें कि प्रद्युमन यादव जिस शख्स की चिट्ठी पर सरकार ने खुदाई का कार्य शुरू कराया है, वह खुद को किरिसोमेश्वर वंश का वंशज बताता है। वह पिछले 300 वर्ष पुराने इतिहास का हवाला देता हुआ कहता है कि जब यदुनंदन चित्राभुपाला ने उनके पूर्वजों के राज्य पर हमला किया था, तब उन लोगों ने अपनी संपत्ति को जमीन के अंदर गाड़ दिया था और अब वह उस संपत्ति को निकाल कर राज्य के विकास में लगाना चाहता है।

आपको बता दें कि कुछ समय पहले “महंत शोभन सरकार” नामक एक सन्यासी ने भी इसी प्रकार के सपने का जिक्र किया था और लेकिन डांडिया खेड़ा नामक स्थान पर काफी समय तक खुदाई करने के बाद भी वहां कुछ नहीं मिला था। अब देखना यह है कि प्रद्युमन यादव का देखा हुआ सपना सच निकलता है या नहीं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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