प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवम्बर को अपने द्वारा की गई घोषणा में 500 तथा 1000 ने नोटों को बंद कर दिया था तथा इनकी जगह नए नोट चलाने की बात कही थी जिसके चलते आम लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली। कुछ लोगों के लिए यह कार्य बहुत सराहनीय और साहसिक बताया गया, पर कुछ लोगों ने इसको आम लोगों की परेशानी को देखते हुए सही नहीं बताया। सरकार के इस फैसले से कालेधन में कमी आएगी या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा पर सरकार द्वारा बंद किए गए नोटों से आपको बिजली और ईंटे मिलने की संभावना बड़ी है।
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जानकारी के लिए आपको बता दें कि वर्तमान में बंद की गई करेंसी का अर्थव्यवस्था में 86 प्रतिशत का हिस्सा था और सरकार के इस फैसले के बाद में सरकार को करीब 22 अरब रूपए के नोट जनता से प्राप्त होंगे। सरकार को जनता से मिले ये नोट किसी रद्दी से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं पर अपने पड़ोसी देश चीन का उद्धरण देखते हुए अब भारत सरकार भी इन रद्दी नोटों से बिजली तथा ईंट बना सकती है। यह बात 2014 की है, उस समय चीन की एक कंपनी ने सरकार द्वारा बंद किए नोटों से बिजली का उत्पादन शुरू किया था जो की आज भी चल रहा है।
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इस कंपनी पर चीन के केंद्रीय बैक का अधिपत्य है। चीन की सरकार ने वर्तमान भारत सरकार की तरह ही वहां पर 100 युआन के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद में चीन की ही एक कंपनी ने इन रद्दी नोटों से बिजली के उत्पादन का कार्य किया था। इसके अलावा यदि विशेषज्ञों की बात मानें तो नोटों को जलाने के बाद में उनकी राख से हम ईंट भी बना सकते हैं। इस प्रकार से हम रद्दी हुए नोटों का सही उपयोग कर सकते हैं, इससे जनता की भलाई ही होगी, सरकार को भी चीन द्वारा किए इस प्रयोग के बारे में जरूर विचार करना ही चाहिए।