जैसा की आप सब जानते ही हैं कि वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में डेंगू ने अपने पैर अच्छे से पसार लिए हैं और यहां पर बहुत बड़ी संख्या में लोग डेंगू के शिकार हो गए हैं और लगातार होते जा रहें हैं। इस प्रकार के माहौल में जहां एक और अंग्रेजी दवाइयों की मांग बढ़ी है वही लोग देशी ईलाज के लिए भी अपने हाथ-पांव मारते दिख रहें हैं। इन दिनों 20 से 50 रूपए लीटर में बिकने वाले बकरी के दूध की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई और वह लगभग 2000 रूपए लीटर की दर से बाजार में बिक रहा है वहीं दूसरी और आप पपीते के पत्ते भी बाजार में अच्छी खासी कीमत पर बिकते देख सकते हो। सरकार ने हालाकी सरकारी फीस और दवाइयों की कीमतों में कमी कर दी है पर कई ऐसी चीजें हैं जिनकी कीमतें आसमान छू रही हैं।
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पुरातन काल से ही यह माना जाता है कि डेंगू में बकरी का दूध और पपीते के पत्ते बहुत कारगर होते हैं और इनके उपयोग से मरीज में कम हुए प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में और बुखार को कम करने में लाभ मिलता है। वर्तमान समय बकरियों के प्रजनन का समय होता है और इस समय बकरियों से ज्यादा दूध निकलता है इसलिए अब बकरी का दूध काफी ज्यादा कीमत पर बिक रहा है।
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सामान्यत यह दूध 20 से 50 रूपए लीटर में आसानी से उपलब्ध हो जाता है पर वर्तमान में अब यह दूध ढूंढने पर भी नहीं मिल पा रहा है और जहां मिल रहा है वहां यह 2000 रूपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। पिछले हफ्ते की बात करे तो बकरी के इस दूध की कीमत महज 300 रूपए लीटर थी पर वर्तमान में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने से इस दूध की मांग भी बढ़ गई है जिसके कारण अब यह दूध 2000 रूपए लीटर के रेट पर बिक रहा है, इसके अलावा कीवी का फल, पपीते के पत्ते तथा नारियल पानी आदि के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहें हैं।