आज के आधुनिक युग में भी कुछ वर्ग के लोग मासिक धर्म को अपवित्र मानते हैं। हालांकि इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ‘हैप्पी टू ब्लीड’ नाम से एक कैंपेन चल रहा है, जिसका काफी अच्छा रेस्पॉन्स भी मिल रहा है। पीरियड्स से जुड़ी गलत धारणा को खत्म करना इस कैंपेन का मकसद है। इस कैंपेन में ही कोलकाता में हाई स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की ने अपने पीरियड वाले पजामे को सोशल वेबसाइट पर शेयर किया है, जिसकी वजह से यह चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल इस लड़की का नाम अनुष्का दास गुप्ता है। जिसे अचानक बीच राह पर पीरियड्स शुरू हो गए थे। इस दौरान सारे राह चलते मर्द उसे घूरने लगे, जबकि महिलाओं ने उसकी मदद के तौर पर उसे टीशर्ट नीचे खींचकर ब्लड के धब्बे छुपाने को कहा। इस दौरान अनुष्का इस बात से अंजान थी। तभी एक महिला ने उसे नैपकिन दिया तब उसे समझ आया कि उसके साथ क्या हो रहा है। फिर इस बच्ची ने घर जाकर बिना किसी झिझक के सोशल साइट पर अपने पजामा की तस्वीर को पोस्ट कर दिया। इसी के साथ उसने लिखा कि ‘ये पोस्ट उन सभी महिलाओं के लिए जिन्होंने मेरे वुमनहुड को छुपाने के लिए मुझे मदद का ऑफर दिया। मैं शर्मिंदा नहीं हूं। मुझे हर 28 से 35 दिनों में पीरियड होता है, मुझे दर्द भी होता है, तब मैं मूडी हो जाती हूं’।
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अनुष्का के इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर उसी वक्त हलचल मचा दी। इस बच्ची का पोस्ट उन सब लोगों के लिए मुंह पर करारा तमाचा है जो लोग इसे टैबू मानते हैं और इस विषय पर बात करना भी वर्जित मानते हैं।