हाल ही में देश बड़े पेट्रोल डीज़ल के दामों ने लोगों की परेशानी को और भी बड़ा दिया है। देश का आलम यह है कि अब लोग इन बढ़ती कीमतों से बेहद परेशान हो गए है। आपको बता दें कि दाम बढ़ने के बाद अब मुम्बईं में इसकी कीमत 86 रुपये 65 पैसे और डीज़ल की कीमत 73 रुपये 20 पैसे हो गई है। यहीं अगर बात महाराष्ट्र के परभणी की बात करें तो यहां आपको पैट्रोल 87 रुपये और डीज़ल 74 रुपये में मिलेगा। पैट्रोल भारी कीमत का दंश केवल मुम्बई ही नही झेल रही बल्कि देश के अन्य राज्यों में यही हाल है। वैसे ऐसा पहली बार नही हुआ जब सरकार ने अचानक से पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ा दिए हो। बीते 2 सालों ऐसा कई बार हुआ है और हर बार लोग मायूस होने के अलावा कुछ नही कर पाते हैं। ठीक भारत की ही तरह साल 2000 में जर्मनी में पेट्रोल डीज़ल कीमतों में इजाफा किया गया था, मगर इसके खिलाफ जर्मनी की जनता ने एक जुट होकर कुछ ऐसा किया कि सरकार को रातों रात इस फैसले को वापिस लेना पड़ा।
सड़कों पर आकर किया प्रदर्शन –
 Image source:
Image source:
हम बात कर रहें है जर्मनी की। जहां ईंधन की कीमत बढ़ने पर पूरी जनता सरकार के विरुध हो गई और उन्होंने एकजुट होकर इसका विरोध किया। इसके लिए लोगों ने अपनी गाड़ियों को सड़को पर ही छोड़ दिया और फिर एकजुट होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जर्मनी की राजधानी बर्लिन की सड़के 4 हजार गाड़ियों से भर गई। इसके चलते मजबूरन सरकार को रातो रात अपने फैसले को वापिस लेना पड़ा।
लोगों के विरोध ने सरकार के छुड़ाए पसीने –
 Image source:
Image source:
प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर दूर दूर तक गाड़ियों की लंबी कतारे लग गई। इससे भारी जाम लग गया। शहर में मानो अफरा तफरी का माहौल बन गया। लोगों का प्रदर्शन लगातार जारी था। हाइवे जाम हो गए और कोई गाड़ी शहर में आ नही पा रही थी, जिससे लोगों का काम रुक गया। धीरे धीरे यह हालात आर्थिक हानि की स्थिति पैदा कर रह थे। ऐसे सरकार के अधिकारियों के भी हाथ पैर फूल गए कि आखिर इस स्थिति को कैसे संभाला जाए और आखिरकार सरकार को लोगों की बात माननी पड़ी।
