15 साल के इंतजार के बाद आखिर गीता की पाकिस्तान से वतन वापसी हो गई है। लगभग 15 साल पहले गीता गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गई थी। जरूरी दस्तावेज नहीं होने की वजह से उसे हिरासत में ले लिया गया था, लेकिन मूक-बधिर और नाबालिग होने के कारण उसे 8 साल की उम्र में परवरिश के लिए ईदी फाउंडेशन के हवाले कर दिया गया। ईदी फाउंडेशन और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों का नतीजा है कि गीता की वतन वापसी संभव हुई है। लोगों का तो ये भी मानना है कि सलमान खान की मूवी बजरंगी भाईजान की कहानी भी गीता से काफी मिलती जुलती है। बजरंगी भाईजान में एक पाकिस्तानी लड़की सीमा पार कर भारत चली आती है, जिसे सलमान खान वापस उसके परिवार से मिलाते हैं।
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यह भी कहा जा रहा है कि बजरंगी भाईजान ही वो मूवी है जिसकी वजह से लोगों का और मीडिया सहित दोनों देशों की सरकारों का ध्यान इस ओर गया और लंबी कोशिशों के बाद गीता की वतन वापसी संभव हो पाई है। अब गीता के परिजनों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लिया जा रहा है। अगर गीता को अपनी बेटी बताने वालों से उसका डीएनए मैच कर गया तो उसे परिवार को सौंप दिया जाएगा, नहीं तो सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था भी कर रखी है। इसके लिए दो मूक बधिर महिला आश्रमों की पहचान कर ली गई है, जहां गीता को रखा जाएगा। पाकिस्तान से ईदी फाउंडेशन का 5 सदस्यीय दल गीता के साथ भारत आया है, जिन्हें राजकीय मेहमान के सम्मान से नवाजा गया है।