बौनों का गांव- यहां पर लोगों का जाना है वर्जित

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हम सभी ने अपनी दादी नानी के मुंह से बौनों की कहानी सुनी है। यह कहानियां हमें हमेशा से ही मनोरंजित करती रही हैं। हालांकि इस प्रकार की कहानियों पर कई फिल्में हॉलीवुड और बॉलीवुड में भी बन चुकी हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहे हैं जो वास्तव में है न कि सिर्फ कहानियों में। इस जगह की विशेषता यह है कि यह जगह कुछ ऐसे लोगों से घिरी हुई है जिनकी लंबाई समान्य मनुष्य से बहुत ही कम है यानि कि यहां के लोग बौने हैं।

कहां और कैसी है यह जगह-

यह जगह है चीन के शिचुआन क्षेत्र के एक गांव में, जिसका नाम है यांग्सी। इस गांव की खासियत यह है कि यहां के 80 निवासियों में से 36 लोग बौने ही होते हैं इसलिए ही इस गांव की आधे से अधिक आबादी आज भी बौनी ही है। हालांकि पिछले साठ सालों से देश दुनिया के वैज्ञानिक इस गांव के लोगों के बौनेपन का कारण ढूंढ़ रहे हैं, परंतु अभी तक कोई ठोस कारण नहीं ढूंढ़ पाए हैं।

imgImage Source: http://infotainment.jagranjunction.com/

इस गांव के बुजुर्गों की मानें तो इस क्षेत्र में सन् 1951 में बौनेपन का पहला मामला सामने आया था। असल में इस साल इस गांव में एक संक्रामक बीमारी फैली थी जिसके कारण गांव के बच्चों की लंबाई 5 से 7 वर्ष की उम्र में ही रुक जाती थी।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक-

इस गांव में 1985 की जनगणना में करीब 119 मामले बौनेपन के सामने आए थे, पर अभी तक इस बीमारी पर कोई नियंत्रण नहीं किया जा सका है। यह बीमारी लोगों में लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीमारी की वजह से अब लोगों ने धीरे-धीरे इस गांव को छोड़ना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर वैज्ञानिक भी इस गांव की मिट्टी और पानी सहित कई चीजों का कई बार अध्ययन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक वह इस बीमारी का कोई भी कारण खोजने में नकामयाब रहे हैं। हालांकि वैज्ञानिकों ने 1997 में इस गांव की मिट्टी की जांच करके इस बीमारी का कारण मिट्टी में मौजूद पारे को बताया था, लेकिन वे अपनी इस बात को साबित नहीं कर सके। कुछ लोगों का कहना है कि इस बीमारी का कारण वह जहरीली गैसें हैं जो कई दशक पहले जापान ने चीन पर छोड़ी थी। इस प्रकार से समय-समय पर कई दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन किसी से कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।

vikas Arya
vikas Aryahttp://wahgazab.com
समाचार पत्र पंजाब केसरी में पत्रकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। कई वर्षो से पत्रकारिता जगत में सामाजिक कुरीतियों और देश दुनिया के मुख्य विषयों पर लेखों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा हूं। अब मेरा प्रयास है कि मैं ऑनलाइन मीडिया पर भी अपने लेखों से लोगों में नई सोच और नई चेतना का संचार कर सकूं।

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