भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि 26 जनवरी की परेड में भारतीय जवानों के साथ कोई विदेशी सैन्य टुकड़ी भी भाग लेगी। आज से पहले गणतंत्र दिवस की परेड में कई विदेशी मेहमान शामिल हुए हैं, लेकिन यह पहली बार हो रहा है जब किसी दूसरे देश की सैन्य टुकड़ी हमारे गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बनेगी। दरअसल इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में फ़्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद मुख्य अतिथि होंगे और फ़्रांस की सेना विजय पथ पर परेड करती नज़र आएगी। इसके अलावा बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दूसरा गणतंत्र दिवस होगा।
ऐतिहासिक दृष्टि से ख़ास है फ़्रांस की 35वीं इनफैंट्री रेजिमेंट-
फ़्रांस की सेना से 56 जवानों की सैन्य टुकड़ी इस परेड में शामिल होगी। यह फ़्रांस की 35वीं इनफैंट्री रेजिमेंट के जवान हैं। इस रेजिमेंट का इतिहास लगभग 400 सालों से ज्यादा पुराना है। सन् 1604 में इस रेजिमेंट का गठन हुआ था। अब तक इस रेजिमेंट को कुल 12 सैन्य सम्मान मिल चुके हैं। अब तक इस रेजिमेंट ने अपनी सेवाएं अफ्रीका, इराक, अफगानिस्तान और अल्जीरिया को दी हैं।
Image Source:
पहले भी कई फ़्रांसिसी राष्ट्रपति शामिल हुए हैं गणतंत्र दिवस समारोह में- पहले भी कई बार फ़्रांस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भारत की गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर इस समारोह का हिस्सा बन चुके हैं। साल 1976 में फ़्रांस के प्रधानमंत्री के तौर पर और 1998 में राष्ट्रपति के तौर पर जैक्स चार्क गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हो चुके हैं। 1980 में फ़्रांस के राष्ट्रपति वैलरी ग्रिसकार्ड और साल 2008 में राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी भी बतौर चीफ गेस्ट गणतंत्र दिवस की भव्य परेड का हिस्सा बन चुके हैं।
दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि 13 नवंबर को हुए पेरिस हमलों और भारत में अभी हाल ही में हुए पठानकोट हमलों के बाद दोनों देश एकजुट होकर इस समस्या से लड़ना चाहते हैं। इसलिए आतंकवादियों के मंसूबों को पस्त करने की दृष्टि से ही फ़्रांस की फ़ौज भारतीय सैनिकों के साथ परेड में हिस्सा लेगी।
अभी फिलहाल फ्रांस की सैन्य टुकड़ी भारतीय सैनिकों के साथ मिल कर राजस्थान में संयुक्त सैन्य अभ्यास में जुटी है। यह अभ्यास ‘शक्ति 2016’ के नाम से चल रहा है। इस अभ्यास में दोनों सेनाएं संयुक्त रूप से आतंकवादियों से लड़ने का अभ्यास कर रही हैं।