चेन्नई से उड़ान भर कर तिरूवनंतपुरम जाने वाली फ्लाइट को दो घंटे लेट होना पड़ा। यह फ्लाइट तकनीकी कारणों से नहीं बल्कि किसी और ही वजह से लेट हो गई। इस फ्लाइट को उड़ाने वाले पायलट की मांग थी कि उसकी पसंदीदा को-पायलट को ही भेजा जाए। ऐसा न होने की स्थिति में पायलट ने फ्लाइट को ही लेट कर दिया। इतना ही नहीं इसके लिए उसने अपनी बीमारी का भी हवाला दिया।
जानकारी के अनुसार चेन्नई से तिरूवनंतपुरम जा रही फ्लाइट को पायलट की नासमझी के कारण के दो घंटे लेट होना पड़ा। बुधवार को एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 263-264 में पायलट अपने साथ अपनी पसंदीदा को- पायलट को लाने की जिद पर अड़ गया। इस फ्लाइट में करीब 110 यात्री सवार थे। इस फ्लाइट के पायलट ने पहले उच्च रक्तचाप की शिकायत की थी। जिसके बाद पायलट का इलाज करवाया गया। इसके बाद पायलट ने कहा कि मुझे फ्लाइट उड़ाने के लिए अपनी पसंदीदा पायलट ही चाहिए। ऐसे में रोस्टर विभाग की ओर से कहा गया कि उस महिला को-पायलट को दिल्ली की फ्लाइट में लगाया गया है। इसके बाद कमांडर ने संबंधित रोस्टर विभाग को कहा कि अगर महिला को उसके साथ नहीं भेजा गया तो वह बीमार होने की रिपोर्ट कर देगा।
नोटिस अवधि में है पायलट-
बताया जा रहा है कि पायलट पिछले ही सप्ताह एयर इंडिया को छोड़ चुका है। साथ ही वह छह माह की नोटिस अवधि के दौरान ही अपनी यह सेवाएं दे रहा है। पायलट की इस मांग के कारण फ्लाइट को दो घंटों की देरी से उड़ाया गया।
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विभाग ने की पायलट की मांग पूरी-
पायलट की मांग के कारण ही यह फ्लाइट देर हो गई। फ्लाइट के और देर होने की बात से परेशान होकर रोस्टर विभाग की ओर से इस पायलट की सह पायलट को बुलाया गया। इस फ्लाइट को सुबह 7 बजे रवाना होना था, लेकिन इसे 9:15 बजे रवाना किया गया।