डॉक्टर को समाज में बड़ा रुतबा और इज्जत दी जाती है, क्योंकि वह हमें स्वस्थ रखने में हमारी मदद करते हैं। इसीलिए डॉक्टर को भगवान का दर्जा भी दिया गया है, लेकिन वर्तमान समय पर गौर करें तो आजकल ऐसे भी डॉक्टर्स हैं जो मरीज की सेहत से ज्यादा पैसा कमाने पर ध्यान देते हैं। यही वजह है कि ज्यादा आवश्यकता ना होने पर भी तरह-तरह की जांच और दवाइयां लिख दी जाती हैं। खैर चिकित्सक हमारी मदद तो किसी न किसी रूप में करते ही हैं, पर कुछ ऐसे भी तथ्य हैं जिन्हें डॉक्टर्स मरीज को बताते ही नहीं हैं। आज हम आपको 5 ऐसे तथ्य बता रहे हैं जिनको डॉक्टर्स आपसे छुपाते हैं।
1- वैक्सीन लगाना हमेशा जरूरी नहीं होता-
वैक्सीन हालांकि बीमारी को जल्द सही करने लिए लगाई जाती है पर बहुत से डॉक्टर इस बात को नहीं बताते हैं कि वैक्सीन लगाना हर बार जरूरी नहीं होता। यह कभी-कभी यह अन्य बीमारियों को आमंत्रित कर देती हैं, जैसे कि डीटी एपी वैक्सीन बच्चों को बी.परट्यूसिस से बचने के लिए लगाई जाती है जो कि एक मामूली सी बीमारी है। इस बीमारी में यह कितना असर करती है उसका तो नहीं पता, पर यह डीटी एपी वैक्सीन फेफड़ों में इंफेक्शन जरूर कर सकती है। इसके अलावा यह बच्चे की इम्युनिटी को भी घटाती है।
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2- एक्स रे मतलब कैंसर को दावत –
जैसा कि आप जानते ही हैं कि एक्स-रे से निकली घातक रेडियोएक्टिव किरणें भी कैंसर को दावत देती है। सही बात यह भी है की एक बार एक्स-रे करने के बाद मानव शरीर की जितनी हानि होती है उसको पूरा करने में एक वर्ष लग जाता है।
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3- जुकाम की कोई दवा नहीं होती –
असल में जुकाम सही करने की कोई दवाई होती ही नहीं है, पर आपके डॉक्टर ने शायद ही यह आपको बताया होगा। असल में जुकाम आपकी नाक की आंतरिक त्वचा में कुछ सूजन आने की वजह से ही होता है। यह लगभग 7 दिनों में अपने आप ही सही हो जाता है। दवाई से आपके जुकाम पर तो कोई फर्क नहीं पड़ता, पर आपको एंटीबॉयोटिक्स के साइड-इफेक्ट्स का नुकसान जरूर झेलना पड़ता है।
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4- लिवर को हानि पहुंचाती है एंटीबॉयोटिक्स दवायें-
यदि कोई भी व्यक्ति लम्बे समेत तक एंटीबॉयोटिक्स दवाओं का सेवन करता है तो उसका लिवर और किडनी बुरी तरह से प्रभावित होती है। जिस कारण कभी-कभी मरीज का ऑपरेशन भी करना पड़ जाता है। इसलिए एंटीबॉयोटिक्स दवाओं का यूज कम ही करें तो बेहतर होगा।
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5- कैंसर पैदा कर सकती हैं दवाइयां-
डॉक्टर अच्छे से जानते हैं कि रक्तचाप या ब्लड प्रेशर की दवाइयों से कैंसर का खतरा 3 गुना अधिक हो जाता है। रक्तचाप की दवाइयां कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स की दर को अधिक कर देती हैं। जिससे मरीज के शरीर में जीवित कोशिकायें मरने लगती है और उनकी गांठ बनने लगती है।