दूध एक ऐसी चीज है जो हमारे शरीर को पोषण देने में काफी मदद करती है। हम जब पैदा होते हैं तो हमारा पहला आहार दूध ही होता है। जो पौष्टिक तत्व मां के दूध में मौजूद होते हैं वो अन्य किसी दूध में नहीं होते और इन्हीं पौष्टिक तत्वों को हर नवजात तक पहुंचाने के लिए अब दिल्ली एनसीआर में मां के दूध का बैंक खोलने की शुरूआत की गई है।
इस बैंक की शुरूआत ग्रेटर कैलाश में स्थित फोर्टिस ला फेम अस्पताल व स्वयं सेवी संस्था ब्रेस्ट मिल्क फाउंडेशन ने मिलकर की है। इतना ही नहीं इस बैंक को ‘अमारा मिल्क बैंक’ नाम से संबोधित किया जाएगा। इस बैंक का मुख्य उद्देश ये ही रहेगा कि वो प्री-मेच्योर बेबी या जो महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी कारणवश उसे स्तनपान नहीं करा सकती हैं उन बच्चों को मां का दूध दे कर उन्हें हर तरह के पौष्टिक तत्वों को प्राप्त कराया जा सके।
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इस बैंक में कोई भी महिला प्रसव के बाद अपना दूध दान कर सकती है। इस बैंक में दूध दान करने वाली महिलाओं के स्वस्थ की भी जांच की जाएगी ताकि बैंक को सही गुणवत्ता वाला दूध प्राप्त हो सके। वैसे तो गर्भावस्था के समय हर महिला का एचआईवी, हेपेटाइटिस और हेपेटाइटिस बी का भी टेस्ट हो जाता है, जिसके चलते दूध दान करने वाली महिलाओं का दुबारा किसी तरह की जांच कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अगर किसी महिला का गर्भावस्था के समय यह टेस्ट नहीं हुआ होगा तो उन्हें यह टेस्ट कराने ही पड़ेंगे। उसके बाद ही वो दूध दान कर सकती हैं।
बैंक ने इस बात का भी ख्याल रखा है कि जो महिलाएं स्तनपान करा सकती हैं उन्हें इस बैंक से दूध नहीं दिया जाएगा। इस बैंक में दूध को सुरक्षित रखने के लिए उसे माइनस 20 डिग्री तापमान पर रखा जाएगा। जिसके कारण यह दूध तीन महीने तक सही हालत में रह सकता है। यहां मां के दूध को 135 एमएल की बोतलों में दिया जाएगा। जिससे एक बच्चे को तीन या चार दिन तक दूध मिल सकेगा। इस दूध के एक बोतल की कीमत को 200 रुपये तक रखा गया है।
वैसे आपको बता दें कि मां के दूध का यह बैंक भारत में पहला बैंक नहीं है। ऐसा ही एक बैंक मुंबई में भी बनाया गया था। मुंबई में इस बैंक की शुरूआत 1989 में की गई थी। जिसके बाद पूरे देश में कुल 20 बैंकों को खोला गया, लेकिन दिल्ली में इससे पहले इस तरह के बैंक की कोई सुविधा नहीं थी। अब दिल्ली में भी इस बैंक को खोल दिया गया है।