इस किसान ने खेती के लिए कर दिया नया अविष्कार

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देश के किसानों को आज भी मौसम की मार का सामना करना पड़ता है। किसान ही जनता को भोजन प्रदान करते हैं। यहां सभी अनाज की उपज मौसम पर ही निर्भर करती है। साथ ही अनाज की उपज में किसान को पूरी मेहनत करनी पड़ती है। तेज धूप और बारिश में भी किसान को खेतों में हल चलाना पड़ता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एक किसान ने खेतों को जोतने के लिए एक नायाबा तरीका ढूंढ़ निकाला। किसान के इस तरीके से इंजीनियरों के खर्चीले उपकरणों की मांग पर भी असर पड़ सकता है।

जनता की भोजन की पूर्ति केवल अनाज से ही की जा सकती है। अनाज को खेतों में उगाने के लिए किसानों को लगातार कई घंटों, कई दिनों तक मेहनत करनी होती है। साथ ही उसे इस काम के लिए मौसम पर भी निर्भर रहना होता है। बांदा के एक किसान ने किसानों की मेहनत और उसके बाद भी उपज की कोई निश्चितता न होने की समस्या को ध्यान में रखते हुए खेत जोतने की एक नई तकनीक को इजाद किया है। इस तकनीक से कम मेहनत में आसानी से खेत को जोता जा सकता है।

बांदा के छनेहरा गांव में रहने वाले किसान राम प्रसाद ने इस जुगाड़ को बनाया है। इस किसान ने 10 साल पुरानी साइकिल को हल के रूप में बनाकर अपनी मेहनत को कम करने का आसान तरीका ढूंढ़ निकाला है। रामप्रसाद यादव बांदा के गांव छनेहरा में रहने वाले अन्य किसानों की समस्या को भी समझते थे। यहां पर अधिकतर किसानों की पूरी जिंदगी परेशानी और मुफलिसी में ही बीतती है। रामप्रसाद यादव खुद भी अपने जीवन यापन के लिए खेतों को किराए पर लेकर अनाज उगाते हैं।

कैसे बनाया यह जुगाड़-

halImage Source: http://i9.dainikbhaskar.com/

रामप्रसाद यादव के पास खेतों को जोतने के लिए हल नहीं था। इस समस्या का हल ढूंढ़ निकालने के लिए उन्होंने अपनी पुरानी कबाड़ में पड़ी साइकिल को हल के रूप में ही बना डाला। इन्होंने इसके लिए पुरानी साइकिल के पीछे से पहिया निकाल कर उसमें मिट्टी में धंसने वाला नुकीला शेप का लोहा लगा दिया। इस साइकिल को रामप्रसाद ही खींचते हैं। इस हल को खींचने के लिए न तो बैलों की जरूरत पड़ती और न ही इसके लिए टैªक्टर की आवश्यकता पड़ती है। साथ ही इसमें भारी हल को जोतने के लिए की जाने वाली मेहनत भी नहीं करनी पड़ती।

लोगों ने उड़ाया था मजाक-

रामप्रसाद जब साइकिल से हल बना रहे थे तो लोग उन्हें पागल कह कर उनका मजाक उड़ा रहे थे, लेकिन अब वो ही इस जुगाड़ के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं।

vikas Arya
vikas Aryahttp://wahgazab.com
समाचार पत्र पंजाब केसरी में पत्रकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। कई वर्षो से पत्रकारिता जगत में सामाजिक कुरीतियों और देश दुनिया के मुख्य विषयों पर लेखों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा हूं। अब मेरा प्रयास है कि मैं ऑनलाइन मीडिया पर भी अपने लेखों से लोगों में नई सोच और नई चेतना का संचार कर सकूं।

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