असम के लखीमपुर में एक चार साल के बच्चे के साथ हुए दर्दनाक हादसे को सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यह छोटा सा बच्चा जिस समय अपने घर के आगंन में खेल रहा था उसी समय अचानक उसकी आंखों से खून बहने लगा। देखते ही देखते थोड़ी ही देर बाद फिर उसकी आंखें उछलकर बाहर निकल आई। बच्चे की इस हालत को देखकर परिवार के लोग घबरा गये और तुंरत ही डॉक्टर के पास पहुंचे, परंतु हाथ में पैसों की तंगी के कारण वो अपने बच्चे का सही इलाज नहीं करा पा रहें है।
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सागर नाम के बच्चे की मां का कहना है कि तीन महीने पहले उनके बेटे को यह परेशानी शुरू हुई थी। सबसे पहले उसकी आंखों में सूजन आ जाती थी सूजन के बढ़ने से आंखों पर खून के रिसाव होने लगता था। लेकिन आंखों के बाहर आ जाना उनके लिए सबसे ज्यादा खतरा वाला लक्षण था। बच्चे की आई टेस्ट का ही खर्च 12 हजार रुपए से शुरू हो रहा था। इसके बाद भी डॉक्टर उसका कारण नहीं जान पा रहे थे।
इस केस ने तब मोड़ लिया जब गुवाहाटी के एक बड़े हॉस्पिटल के डॉक्टरों के बीच बहस छिड़ गई। कोई इसे कैंसर बता रहा था तो कोई दूसरा कारण लेकिन सही कारण कोई भी डॉक्टर नहीं जान पा रहे थे। सागर के परिवार वाले डॉक्टरों के इस तरह के इलाज से खुश नहीं हैं। बच्चे की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ती जा रहा थी। बच्चे की मां ने अपने बच्चे के इलाज के लिए लोगों से गुहार भी लगाई। जिसकी गुहार सुनी समाज सुधारक बिवशजीत बर्मन जी ने, जो सबसे पहले बच्चे के इलाज के लिए सामने आए। बर्मन ने परिवार और रिश्तेदारों के अलावा कई लोगों को जोड़कर सागर के इलाज के लिए कुछ फंड जमा कर लिया और बच्चे के इलाज के लिए उन्होंने सरकार से भी कुछ मदद करने की मांग की है।