मछली बाघिन के बारे में आप शायद कम जानते होंगे या फिर नहीं जानते होंगे इसलिए आज हम आपको इस मछली बाघिन में ही जानकारी देने जा रहें हैं। सबसे पहले आपको यह बता दें की वर्तमान समय में मछली बाघिन अब हमारे साथ नही है, बीते गुरूवार को मछली बाघिन ने अपना दम तोड़ दिया। मछली बाघिन अपने समय में सबसे खूंखार मानी जाती थी, 14 फुट के मगरमच्छ तक को उसने मार डाला था इसके अलावा राजस्थान के सरस्किा और रणथम्भौर नामक स्थानों पर रह रहें आधे से अधिक बाघों की मां या दादी-नानी भी थी।
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मछली बाघिन ने बूढा होने से पहले अनेक लड़ाइयां की थी और अपने से बड़े और ताकतवर जानवरों को हराया था, इसी कारण से मछली की प्रसिद्धि दूर-दूर तक हो गई थी और देश-विदेश के बहुत से लोग उसके फैन हो गए थे।
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बहुत कम लोग जानते हैं की मछली ने अकेले ही भारतीय अर्थव्यवस्था को 650 करोड़ रूपए का फ़ायदा पहुचाया था। बाघ की उम्र करीब 14 साल होती है पर मछली 19 साल तक सामान्य अवस्था में जिन्दा रही और अपनी वृद्धावस्था में भी वह अपने भोजन का जुगाड़ खुद ही कर लेती थी जब की उसके उस समय अधिकतर दांत टूट चुके थे।
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पिछले 5 दिन से उसने कुछ भी खाना छोड़ दिया था और वह काफी कमजोर हो गई थी तथा अपने बुढे़पन की इस अवस्था में वह अब चलने में भी लड़खड़ाने लगी थी। मछली बाघिन पिछले 1 हफ्ते से पानी के सहारे ही ज़िंदा थी पर इतना सब होने के बाद भी जब उसने 50 मी. तक चहलकदमी की तो उसकी जीने की इच्छा ने डाक्टरों को भी चकित कर दिया था।