बिना ड्राइवर के चलने वाली मेट्रो को सफलतापूर्वक तैयार कर लिया गया है। बुधवार को इसका ट्रायल भी किया गया। डीएमआरसी ने बिना ड्राइवर वाली मेट्रो को मीडिया के सामने पेश किया था। पिछले साल जून में दिल्ली मेट्रो को कोरिया में बनाए गए बिना ड्राइवर के कोच मिले थे। तभी से मुकुंदपुर डिपो में ट्रेन के कोच को जोड़ने और कुछ तकनीकी कामों को पूरा किया जा रहा था। डीएमआरसी का कहना है कि 2016 के अंत तक ऑटोमैटिक मेट्रो ट्रेन का संचालन हो जाएगा।
बता दें कि इस मेट्रो को मजलिस पार्क से शिव विहार और जनकपुरी पश्चिम से बॉटेनिकल गार्डन के बीच चलाने का लक्ष्य रखा गया है। संबंधित अधिकारियों के अनुसार ये मेट्रो सबसे पहले कालकाजी से बॉटेनिकल गार्डन के बीच दौड़ लगाएगी। इस मेट्रो को सबसे पहले सीटीबीटी यानी कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम के द्वारा चलाया जाएगा। इसके दौड़ने पर व्हील से कम आवाज हो इसके लिए लुब्रिकेंट का इस्तेमाल किया गया है।
Image Source: http://images.indianexpress.com/
डीएमआरसी के अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि इन ऑटोमेटिक मेट्रो को चुनिंदा शहरों में चलाया जा रहा है। इसके अच्छे रिजल्ट भी मिले हैं। नए सिस्टम के आने पर ट्रेन के ड्राइवर का रोल खत्म हो जाएगा। हालांकि अभी शुरूआत में ड्राइवर इन ट्रेन में मौजूद रहेंगे, लेकिन इनका कोई काम नहीं होगा। आने वाले समय में अगर ये मेट्रो सफल रहती है या फिर कोई दिक्कत नहीं रहेगी तो फिर इन्हें पूरी तरह चालक रहित बना दिया जाएगा।
जानिए इस मेट्रो की कुछ खास बातें..
चालक रहित मेट्रो से 33 प्रतिशत बिजली का कम इस्तेमाल होगा।
डीएमआरसी ने 81 चालक रहित ट्रेनें खरीदी हैं।
इस ट्रेन में लगभग 240 यात्री सफर कर पाएंगे।