अपनों से भी शेयर ना करे ये बातें…..

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ऐसा कहा जाता है कि औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती। जब तक वो अपनी बात किसी के सामने जाहिर ना कर दें, तब तक पेट का दाना हजम ही नहीं होता है। लेकिन महिलाओं से ज्यादा पुरूषों को इस बात का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। और पुराने लोगों ने भी कहा है कि पुरूषों में अपनी बात पचाने की शक्ति होनी चाहिये। जिन्हें कभी भी किसी के सामने जाहिर नहीं करनी चाहिए। ये बातें जाहिर करने से मान-सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। आचार्य चाणक्य ने भी मूल रूप से कुछ बातों को गुप्त रखने की सलाह दी है। ये वो बातें हैं जिन्हें कभी किसी के सामने नहीं कहना चाहिए।

1-धन हानि की कभी किसी को जानकारी नहीं देनी चाहिए:-  अगर आप व्यवसाय करते हैं या कोई रोज़गार करते हैं और उसमें हानि होती है तो उसकी जानकारी किसी को नहीं देनी चाहिए ऐसा करने से मदद मिलना तो दूर, जो तरक्की से जलने वाले लोग हैं वो इस बात को प्रचारित कर सकते हैं, जिससे मान-सम्मान को ठेस लग सकती है।

2-सुख-दुख तो सिक्के के दो पहलू होते हैं। :- जैसे हर दिन के बाद रात आती ही है उसी तरह से दुख के बाद सुख आता ही है। आचार्य चाणक्य कड़ी हिदायत देते हैं कि दुख कभी किसी के सामने व्यक्त नहीं करना चाहिए। दुख में साथ देने वाले तो कम मिलते हैं, पर उसका मजाक बना कर हंसी उड़ाने वाले ज्यादा होते हैं। ऐसे में तकलीफ घटने की बजाय और बढ़ सकती है।

3-जगजाहिर है “घर का भेदी लंका ढाहे” :- घर की बातें कभी किसी के सामने जाहिर नहीं करनी चाहिए। खास कर पत्नी की बातें और पत्नी के चरित्र की बातें तो कभी किसी के सामने नहीं करनी चाहिए। लोग इस बात का मजाक बना कर आपकी मान-प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा सकते हैं।

4-बड़े बुजुर्गों ने हमेशा कहा है कि इंसान को हर परिस्थिति में धैर्य कायम रखना चाहिए। :- सुख और दुख में एक जैसा रहना चाहिए। ना तो ज्यादा सुख और ना ही दुख व्यक्त करना चाहिए। आप जिसे अपना समझ कर अपनी समस्या बताएं, हो सकता है वो उसी बात का मज़ाक बना कर आपके सम्मान को ठेस पहुंचाए। इसी लिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि दूसरों से मिला तिरस्कार और अपमान किसी को बताना नहीं चाहिए।

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