डॉक्टरों को भगवान के रूप का दर्जा दिया गया है क्योंकि वो लोगों को जीवनदान देते है लेकिन कई बार खबरों में डॉक्टरों की लापरवाही के बारे में सुना गया है। वहीं इस घटना ने दिल को चीर दिया जब डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला को अपनी दोनों टांगे गवानी पड़ी। एला कलार्के नामक महिला की 8 वें बच्चे की डिलीवरी में डॉक्टरों ने दोनों टांगे काट ड़ाली। दरअसल एला को ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से डॉक्टर के पास तुरंत जाना पड़ा जिस पर डॉक्टर ने बताया कि उनकी ये डिलीवरी सी-सेक्शन के जरिए होगी। जिसके बाद उनकी दुनिया में 8 वीं बेटी आई जिसका नाम विंटर रोज रखा गया। लेकिन इस दौरान एला को जटिल स्थिति का सामना करना पड़ा।
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एमरजेंसी हिसटेरेक्टॉमी के दौरान एला का 6 लीटर खून बह गया जिसके चलते उन्हें पांच बार खून चढ़ाना पड़ा। इस ट्रीटमेंट में एला स्वस्थ होने की बजाय 5 दिन के लिए कोमा में चली गई। जब उन्हें पांच दिन बाद होश आया तो उन्हें अपने पैर कटे दिखाई दिए। जिसे जानकर ऐला को बहुत बड़ा झटका लगा।
जानें इसके पीछे का कारण..
जब ऐला कोमा में गई तो डॉक्टरों को 24 घंटे उन्हें निगरानी में रखना था ताकि उनके शरीर में खून के थक्के ना हो लेकिन डॉक्टर की लापरवाही के चलते किसी ने भी ऐला का 6 घंटे तक ध्यान नहीं दिया और उनकी टांगों में खून जमा हो गया। इसके बाद उनके शरीर में मौजूद टीशूज ऐसा जहरीला पदार्थ छोड़ने लगे जिससे उनकी दिल की धड़कने रुकने की संभावना थी। हालांकि डॉक्टरों ने ऐला की टांगों का खून का दौरान फिर से शुरु करने की जद्दोजहद की लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। जिसके बाद उनकी टांगों को काटने का फैसला लेना पड़ा।
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ऐला अब उस अस्पताल पर केस करने की तैयारियां कर रही है। ऐला के पति इयान का कहना है कि अगर डॉक्टरों की लापरवाही नहीं होती तो उनकी पत्नी की टांगे सही सलामत होती। इस हादसे का उनके पूरे परिवार की जिंदगी पर असर पड़ा है। अब उनकी बड़ी बेटी अपनी मां ऐला को देखने से डरती है। इसके अलावा उनकी सबसे बड़ी बेटी पढ़ाई में पिछड़ती जा रही है।