दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की स्थापना करने वाले आशुतोष महाराज ने दो वर्ष पहले अपने आश्रम में समाधि ली थी। वैसे मेडिकल साइंस ने उन्हें उसी समय क्लीनिकली डेड घोषित कर दिया था। तब से अभी तक उनके शरीर को एक कमरे के अंदर फ्रीज में रखा गया है, लेकिन उनके अनुयायी उनकी मृत्यु की बात को नहीं मानते। उनका मानना है कि महाराज अभी समाधि में हैं, वह अवश्य एक दिन जागृत होंगे और सबके बीच वापस आएंगे।
उनका आश्रम जालंधर जिले के नूरमहल इलाके में स्थित है। दो साल पहले जब से उनकी समाधि की ख़बरें सबके आगे आई थीं, तब से उनके अनुयायियों और श्रद्धालुओं का संस्थान में आना-जाना लगा है। वह मानते हैं कि जिस दिन महाराज समाधि से उठेंगे उस दिन अपने भक्तों को अवश्य दर्शन देंगे।
यह मामला पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में भी जा चुका है। अदालत एकल पीठ द्वारा पंजाब सरकार को यह आदेश दिया गया था कि वह आशुतोष महाराज का अंतिम संस्कार कर दें, लेकिन बाद में इस आदेश पर एकल पीठ ने रोक लगा दी। मेडिकल रिपोर्ट में आशुतोष महाराज को मृत घोषित करने के बाद, इस पूरे मामले पर सभी पक्षों द्वारा आखिरी फैसला लेने की बात मौखिक रूप से की गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई फ़रवरी में होनी है।
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इस बारे में संस्थान के प्रवक्ता स्वामी विशालानंद का कहना है कि महाराज समाधि में हैं और उठ कर सबके सामने आएंगे। वह अपने अनुयायियों को दर्शन भी जरूर देंगे, लेकिन वह कब वापस आएंगे इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। स्वामी विशालानंद का दावा है कि स्वामी आशुतोष महाराज ने समाधि में लीन होने से पूर्व यह कहा था कि वह एक लंबी समाधि में जा रहे हैं। जिसके बाद वह जागृत अवस्था में आएंगे, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं बताया था कि वह कब वापस आएंगे।
इस तरह की समाधि कोई नई बात नहीं है। इससे पहले आदि गुरु शंकराचार्य और रामकृष्ण परमहंस भी इस तरह की समाधि में जा कर वापस आ चुके हैं।