आयुर्वेद में कई ऐसी चमत्कारी औषधियों का वर्णन है जिनके उपयोग से मृत व्यक्ति भी जीवित हो जाता है। इसी क्रम में आज हम आपको एक ऐसी ही औषधि के बारे में जानकारी दे रहें हैं और साथ ही आपको यहां बता रहें हैं कि कहां पर यह औषधि मिलती है। तो सबसे पहले हम आपको बता दें कि मृत व्यक्ति को जीवित कर देने वाली इस औषधि का नाम “संजीवनी” है, इसका वर्णन “रामचरित मानस” में भी मिलता है। लंकेश्वर रावण के पुत्र मेघनाथ द्वारा जब लक्ष्मण को अचेत कर दिया जाता है, तब उनको पुनः जीवित करने के लिए इस औषधि का उपयोग किया गया था। जिसका पूरा वर्णन आप पढ़ सकते हैं, तो संजीवनी एक ऐसी औषधि है जिसके प्रयोग से मृत व्यक्ति भी फिर से जीवित हो जाता है, पर आप को हम यह भी बता दें कि यह औषधि भारत में ही मिलती है और जिस पर्वत को भगवान हनुमान ले आये थे, वह भी भारत में ही मौजूद है, आइए अब आपको बताते हैं उस पर्वत के बारे में।
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लक्ष्मण के घायल हो जाने पर भगवान हनुमान जिस पर्वत को ले आए थे, उसका नाम “द्रोणागिरी पर्वत” है। यह पर्वत उत्तराखंड के चमौली जिले में है, वर्तमान में भी इस पर्वत का नाम “द्रोणागिरी पर्वत” ही है। इस पर्वत के बारे में लोगों की मान्यता है कि लक्ष्मण के घायल होने पर भगवान हनुमान इस पर्वत को ही उठा कर हिमालय से ले आए थे, क्योंकि इस पर्वत पर ही संजीवनी नामक औषधि थी। ऐसा भी माना जाता है कि वर्तमान में भी संजीवनी इस पर्वत पर स्थित है, आज भी यहां प्रतिवर्ष हजारों लोग इस पर्वत के दर्शन करने के लिए चमौली आते हैं।